नोट छापने के कितना खर्च आता है-
क्या आपको मालूम है है नोट छापने में सरकार कितने रुपये खर्च करती है ?, भारत में नोट को छापने का अधिकार केवल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होता है इसके अतिरिक्त कोई भी नोटों की छपाई नहीं कर सकता है। नोट को छपवाने के लिए रिजर्व बैंक ने मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदारी प्रदान की है, मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड अलग-अलग शहरों में नोटों के छापने का कार्य करती है वर्तमान समय में सभी पुराने नोटों को नए आकार और नई डिजाइन में बदला जा रहा है। रिजर्व बैंक सभी पुराने नोटों को नए आकार में बदलने का निर्णय ले चुका है अब जितने भी नोट छपकर आएंगे वे नए आकार और नई डिजाइन के साथ आएंगे।
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कुछ लोगों ये संदेह हो गया है कि नए नोट आ जाने से पुराने नोट का चलन बंद हो जायेगा, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है की पुराने नोटों को बंद नहीं किया जायेगा और ना ही भविष्य में ऐसे कोई संकेत हैं, इस तरह नए नोटों के साथ पुराने नोट भी मार्केट में चलते रहेंगे, इसलिए किसी को दिक्कत लेने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको नोटों की छपाई में लगने वाले खर्च के बारे में बताएंगे और ये भी बताएंगे कि बजार में चलने वाले नोटों की कीमत कितनी है ताकि आप भी जान सके सरकार को नोट छापने में कितना खर्च आता है, तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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नोट छापने के कितना खर्च आता है-
1.पाँच रुपये की नोट की छपाई करने में सरकार को 0.48 रुपये का खर्च आता है।
2.दस रुपये की नोट की छपाई करने में सरकार 0.96 रुपये खर्च करती है।
3.बीस रुपये की नोट की छपाई करने में सरकार 1.5 रुपये खर्च करती है।
4.पचास रुपये की नोट छापने में सरकार को 1.81 रुपये का खर्चा आता है।
5.सौ रुपये की नोट की छपाई करने में सरकार 1.79 रुपये खर्च करती है।
6.दो सौ रुपये को छापने के लिए सरकार को 2.93 रुपये खर्च करना पड़ता है।
7.पाँच सौ रुपये की नोट की छपाई के लिए सरकार 3.09 रुपये खर्च करती है।
8.दो हजार की नोट के लिए सरकार को 3.54 रुपये का खर्चा करना पड़ता है।