जानिए क्या होता है आईपीएल में राइट टू मैच कार्ड-
दुनिया के सबसे बड़ी प्रीमियर लीग यानि आईपीएल की शुरुआत हो चुकी है इस बार आईपीएल में सभी टीमें खिताब को जीतने के भरपूर कोशिश कर रही हैं इस बार का आईपीएल भारत से बाहर संयुक्त अरब अमीरात में खेला जा रहा है। सभी टीमों के एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद हैं। आईपीएल का खिताब सबसे अधिक मुंबई इंडियंस की टीम ने चार बार अपने नाम किया है और इसके बाद चेन्नई की टीम है जो तीन बार इस खिताब पर कब्जा जमा चुकी है, पिछले साल यानि 2019 में मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपरकिंग्स को फाइनल में 1 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था।
इस बार का आईपीएल हर टीम के महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस बार क्रिकेट स्टेडियम दर्शकों से खाली होंगे, लोग इस बार कोरोना महामारी के चलते स्टेडियम में जाकर मैच का आनंद नहीं ले सकते हैं लोग केवल अपने घरों में रहकर मैच देख रहें हैं इसलिए खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए दर्शक नहीं होंगे जिससे खिलाड़ियों को इस बार असहज लगने वाला है लेकीन कुछ भी दर्शकों के मनोरजंन के लिए आईपीएल की शुरुआत हो चुकी है। आपने आईपीएल में एक शब्द सुना होगा जो है राइट तो मैच कार्ड लेकीन इस शब्द के बारे में सभी को पता नहीं होता है क्या आप जानते हैं इस शब्द का मतलब क्या होता है और इसे कैसे प्रयोग किया जाता है आज हम आपको राइट तो मैच कार्ड मे बारे में पूरी जानकारी देने वाले बने रहिये हमारे साथ तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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क्या होता है राइट टू मैच कार्ड-
इस शब्द का प्रयोग आईपीएल में किया जाता है और यह सभी टीमों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इस कार्ड के द्वारा यदि किसी टीम ने तीन खिलाड़ी को रिटेन कर दिया है तो वह टीम अगर चाहती है राइट टू मैच के द्वारा रिटेन किये गए दो खिलाड़ी को फिर से अपनी टीम में शामिल कर सकती है। लेकीन किसी टीम ने तीन से कम खिलाड़ियों को फिर से रिटेन किया है तो टीम उन्ही तीन खिलाड़ियों के लिए राइट टू मैच का प्रयोग कर सकती है। राइट टू मैच इतना अधिक महत्वपूर्ण होता है कि किसी खिलाड़ी को तब तक बेचा नहीं जा सकता है जब तक उसकी फ्रेंचाईजी उसके लिए बोली नहीं लगा देती है इस नीलामी के दौरान जिन खिलाड़ी पर बोली नहीं लग पाती है उन पर फिर से बोली लगाने की प्रक्रिया की जाती है।
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कैसे प्रयोग किया जाता है राईट टू मैच कार्ड-
राइट टू मैच के नियमानुसार जिस खिलाड़ी की बोली लग चुकी होती है जो व्यक्ति बोली लगाने का काम करता है वो उस फ्रेंचाईजी से एक बार फिर खिलाड़ी के बारे में पूछता है कि राइट टू मैच कार्ड के तहत आप चाहे तो इस खिलाड़ी को अपनी टीम में बरकरार रख सकते हैं, यदि कोई फ्रेंचाईजी फिर से उस खिलाड़ी को अपनी टीम रखना चाहती है तो बोली द्वारा उसकी पुरानी फ्रेंचाईजी में भेज दिया जाता है लेकीन फ्रेंचाईजी उस खिलाड़ी को अपनी टीम में बनाए रखना नहीं चाहती है तो उस खिलाड़ी पर फिर से बोली लगाई जाती है और जिस फ्रेंचाईजी ने उस पर सबसे अधिक बोली लगाती है उस खिलाड़ी को उस टीम में भेज दिया जाता है।
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कैसे होती है आईपीएल में बोली-
आईपीएल टीम का हिस्सा बनने के लिए हर खिलाड़ी को आईपीएल बोली का हिस्सा बनना पड़ता है, आईपीएल में अपने देश के अलावा दूसरे देश के खिलाड़ियों के नाम शामिल किये जाते हैं और उन सभी खिलाड़ियों के बेस कीमतों का निर्धारण किया जाता है खिलाड़ी की बेस कीमत पर फ्रेंचाईजीबोली लगाना शुरू करती हैं और जो फ्रेंचाईजी सबसे अधिक रुपये की बोली उस टीम पर लगाती है उसे उस खिलाड़ी को दे दिया जाता है तो इस तरह आईपीएल के सभी खिलाड़ियों को बोली से गुजरना पड़ता है।