भारत की वर्तमान समय में आबादी 135 करोड़ के करीब हैं और दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, भारत देश में लोग लंबी दूरी की यात्रा के लिए सबसे अधिक रेलगाड़ी का ही उपयोग करते हैं भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है|
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को आधुनिक रेल सुविधायें प्रदान करने के प्रयासरत है, आज भी भारतीय रेलवे दुनिया के अन्य देशों से आधुनिकता के मामले में काफी पीछे हैं लेकिन यह आम लोगों के यात्रा का सबसे बड़ा साधन बना हुआ है।
भारतीय रेलवे के इतिहास की बात करें तो भारत में रेल नेटवर्क की स्थापना अंग्रेजों के समय में 8 मई 1845 को हुई थी। अंग्रेजों को रेल चलाने का मुख्य उद्देश्य अपने व्यापार को बढ़ाना था, अंग्रेजों ने भारत के बहुत सारे शहरों में रेलगाड़ियों का संचालन किया था और कई सारे रेलवे ट्रैक का निर्माण भी करवाया था।
भारत में पहली रेलगाड़ी अंग्रेजों के शासन काल में 16 अप्रैल 1853 को मुंबई और ठाणे के बीच में चली थी, भारतीय रेलवे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विभाग है जो इतने बड़े रेल नेटवर्क का संचालन सुचारु रूप से कर रहा है और हर भारतीय को उनके गंतव्य स्थान तक यात्रा करा रहा है।
भारतीय रेल में रोजाना आस्ट्रेलिया देश की जनसंख्या के बराबर लोग यात्रा करते हैं यह संख्या बहुत बड़ी है।
भारतीय रेलवे का नेटवर्क भारत के लगभग हर राज्य मे फैला हुआ है, यात्रियों को सुविधा के लिए ज्यादातर रेलगाड़ियों के नाम दो स्टेशनों ने नाम पर रख दिए जाते हैं जिन स्टेशनों के बीच में वह रेलगाड़ी चलती है। इससे लोगों को रेलगाड़ी के बारे में जानकारी मिल जाती है यह रेलगाड़ी कहां से कहां तक के लिए जाएगी।
वर्तमान समय में भारतीय रेलवे 12,617 यात्री रेलगाड़ियों का संचालन कर रहा है इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे 7,349 माल रेलगाड़ियों का भी संचालन सुचारु रूप से कर रहा है।
देश में नई रेलगाड़ियों का निर्माण जारी है इससे आने वाले समय में रेलगाड़ियों की संख्या में इजाफा होना लाजमी हैं। रेलगाड़ियों को दिन प्रतिदिन आधुनिकीकरण क्या जा रहा है भारत में मौजूद हजारों रेलगाड़ियां देश के करोड़ों लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक का सफर रोजाना करा रही हैं।
अगर रेलवे ट्रैक की बात की जाए तो इस हिसाब से भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है यदि आप भारत के कुल रेलवे ट्रैक की लंबाई जानना चाहते हैं तो भारतीय रेलवे के कुल रेलवे ट्रैक की लंबाई 67,368 किलो मीटर है इतने बड़े ट्रैक की यात्रा करने के लिए हजारों रेलगाड़ियों को रोजाना सफर करना पड़ता है।