Chhoti Diwali 2022 Special: छोटी दिवाली के दिन होते हैं ये 5 तरह के त्योहार, जाने इन त्योहारों का क्या है महत्व

Chhoti Diwali 2022 Special: छोटी दिवाली के दिन होते हैं ये 5 तरह के त्योहार, जाने इन त्योहारों का क्या है महत्व

Chhoti Diwali 2022 Special: छोटी दिवाली के दिन होते हैं ये 5 तरह के त्योहार, जाने इन त्योहारों का क्या है महत्व-

दोस्तों दिवाली का त्योहार हमारे हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा त्योहार होता है, दिवाली का त्योहार पाँच दिन का त्योहार होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है, धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी का त्योहार होता है फिर अगले दिन बड़ी दिवाली का त्योहार होता है इसके अगले दिन गोवर्धन पूजा फिर पाँचवे दिन भैया दूज का त्योहार होता है और इस तरह से दिवाली के त्योहार की समाप्ति हो जाती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है, यह त्योहार दिवाली के एक दिन पहले होता है। इस बार यह त्योहार 23 अक्टूबर को होने वाला है, नरक चतुर्दशी को लेकर कई सारी कहानियाँ जुड़ी हुई हैं जिनके अनुसार इस दिन पाँच तरह के त्योहार मनाए जाते हैं और पाँच तरह के देवताओ का पूजन भी किया जाता है तो चलिए जानते हैं कौन से वो पाँच त्योहार हैं जो छोटी दिवाली के दिन मनाए जाते हैं। 

 

1.हनुमान जयंती-
छोटी दिवाली को हनुमान जयंती के नाम से भी जानते हैं, हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से जाना जाता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण में हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि को हुआ था जिसके कारण इस दिन हनुमान जी का पूजन किया जाता है और अपने मन की मुराद मांगी जाती है जिसे हनुमान जी जल्द पूरा कर देते हैं। 

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2.नरक चतुर्दशी-
छोटी दिवाली के दिन नरक चतुर्दशी का त्योहार भी मनाया जाता है, पुरानी कथाओं के अनुसार एक नरकासुर नाम का राक्षस था एक बार उसका आतंक बहुत बढ़ गया था और देवी और देवताओं को परेशान करने लगा था तभी देवी और देवताओं ने भगवान श्री कृष्ण से उस राक्षस का वध करने की विनती की जिसके बाद श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसलिए इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। 

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3.रूप चौदस-
छोटी दिवाली को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल के तेल से मलिस करने के बाद उबटन लगाने से भगवान श्री कृष्ण सौन्दर्य प्रदान करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यगर्भ नामक राज्य में में योगी निवास करते थे और कठिन तपस्या के कारण उनके शरीर की दशा बहुत खराब हो चुकी थी जिसके बाद नारद मुनि ने उन्हे कार्तिक पक्ष की चतुर्दशी के दिन व्रत रखने की और भगवान विष्णु जी की पूजा करने की सलाह दी थी योगी ने इस दिन ऐसा ही किया था जिसके बाद उनका शरीर फिर से स्वस्थ हो गया और योगी का रूप भी सुंदर हो गया था, इसलिए इस दिन को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। 

 

4.काली चौदस-
छोटी दिवाली को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है, और इस दिन माता काली की पूजा की जाती है, बंगाल राज्य में इस दिन को काली जयंती के नाम से जाना जाता है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को माता काली की पूजा करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और उन्नति के नए मार्ग खुलने लगते हैं। 

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5.यम दीया-
छोटी दिवाली को यम दीया के नाम से जाना जाता है, इस दिन यम के निमित्त दीपक जलाया जाता है इसलिए हम लोग इसको यम दीया के नाम से जानते हैं। छोटी दिवाली के दिन यम को निमित्त दीपदान करने से मनुष्य को अकाल मौत का भय नहीं होता है, इसलिए हम सभी को इस दिन यम का दीपक जरूर जलाना चाहिये।