Kalashtami 2022: कब है कालाष्टमी का त्योहार, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजन विधि-
दोस्तों हमारे हिन्दी पंचाग के अनुसार प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कलाष्टमी के नाम से जाना जाता है, इस दिन लोग काशी के कोतवाल यानि काल भैरव की पूजा और आराधना करते हैं। काल भैरव को भगवान भोलेनाथ का पाँचवा अवतार माना जाता है, लोगों की ऐसी मान्यता है जो इस दिन काल भैरव का व्रत रखता है और उनकी पूजा करता है तो उसके जीवन से दुख और कष्टों का अंत हो जाता है। आज हम आपको कलाष्टमी की तिथि, पूजन विधि और व्रत के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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कलाष्टमी 2022 व्रत की तिथि-
इस महीने यानि वैशाख मास की कलाष्टमी 23 को अप्रैल को मनाई जायेगी, इस बार कालाष्टमी 23 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 6 बजकर 27 से मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानि 24 अप्रैल रविवार को सुबह 4 बजकर 29 मिनट तक रहने वाली है लेकिन जो लोग व्रत रखने जा रहे हैं उनको 23 अप्रैल को काल भैरव का व्रत रखना होगा।
कलाष्टमी की पूजा और शुभ मुहूर्त-
इस महीन यानि वैशाख मास की अष्टमी तिथि के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि का योग बनने जा रहा है, स दिन साध्य योग देर रात्रि 01 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06 बजकर 54 मिनट से शुरू होगा। जो अगले दिन 24 अप्रैल को
सुबह 05 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा त्रिपुष्कर योग सुबह 05 बकर 48 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 24 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
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कलाष्टमी की पूजन विधि-
कलाष्टमी के दिन पूजन करने वाले लोगों को सुबह ही ब्रह्ममुहूर्त में जाग जाना चाहिए और फिर स्नान आदि करके भगवान भैरव की पूजा और अर्चना करनी चाहिए, इस दिन हमें भोलेनाथ और माता पार्वती जी और भगवान गणेश जी की भी पूजा और अर्चना करनी चाहिये। घर में कलाष्टमी की पूजा करते समय घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए और भगवान की आरती करनी चाहिए इसके बारे भगवान को भोग भी लगाना चाहिए।