बाज की उड़ान
एक बार की बात है एक बाज का अंडा मुर्गी के अंडों के बीच मे आ जाता है कुछ समय के बाद अंडों से चूजे बाहर निकलते है तो उनमे से बाज का बच्चा भी होता है बाज का बच्चा भी उन चूजों के साथ बड़ा होने लगता है बाकी चूजों की तरह वो भी सारा दिन मिट्टी मे इधर उधर खेलता और दाना चुगता और उन्ही की तरह चूँ-चूँ करता, बाकी चूजों की तरह ही वो भी थोड़ा बहुत उड़ पाता था,और नीचे आकर गिर जाता था।
फिर एक दिन उसने बाज को आसमान मे उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेड़धक आसमान मे उड़ रहा था। उसने बाज को आसमान मे उड़ता देख बाकी चूजों से पूछा- "इतनी अधिक उचाई पर उड़ने वाला ये पक्षी कौन है "
तब चूजों ने बताया कि- "इस पक्षी का नाम तो बाज है और ये पक्षियों का राजा है बाज बहुत ताकतवर और विशाल होता है, लेकिन तुम तो बाज की तरह उड़ नहीं सकते क्योंकि तुम तो एक चूजे हो "
बाज के बच्चे ने चूजों की बातों को सच मान लिया और वो सारा जीवन चूजों की तरह बना रहा और एक दिन अपनी ताकत को बिना पहचाने हुए ही मर गया।
हम लोगों मे कुछ लोग बिना अपनी ताकत को बिना जाने हुए अपने आप को कमजोर समझ लेते हैं, और वे भूल जाते हैं की उनमे अपार संभावनए होती है।
व्यक्ति के लिए इस संसार मे कुछ भी असंभव नहीं है फिर भी हम अपने आप कमजोर समझ कर मिलने वाले बड़े-बड़े मौकों को खो देते है।
आपको चूजों की तरह नहीं बनना चाहिए, अपनी काबिलियत पर और खुद पर भरोसा रखना चाहिए, आप जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर दिखाइए क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है।