बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें

बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें

बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।

 

Baras Jaye Yahan Bhi Kuch Noor Ki Barishen ,
Ke Emaan Ke Shishon Pe Badi Gard Jami Hai,
Us Tasveer Ko Bhi Kar De Taza,
Jinki Yaad Humare Dil Me Dhudhli Si Padi Hai.