एक प्रेरणा दायक कहानी छोटा काम बड़ा काम-
एक बार की बात है किसी शहर में एक छोटा सा गराज था जिसका मालिक अब्दुल था, अब्दुल स्वभाव में बहुत अच्छा था लेकीन उसके अंदर एक कमी थी वो कमी यह थी वो अपने काम को हमेशा अच्छा मानता था और दूसरे के काम को छोटा समझता था। एक बार अब्दुल की दुकान में एक ह्रदय रोग विशेषज्ञ अपनी महंगी कार की सर्विस कराने के लिए उसकी दुकान पर पहुँच गए कुछ देर के बाद अब्दुल को मालूम पड़ा ये कार जिसकी है वो पेशे से ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं, अब्दुल तुरंत डॉक्टर के पास गया और बोला, "डॉक्टर साहब मैं ये सोच रहा हूँ हमारा काम और आपका काम बिल्कुल एक ही तरह का है"
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डॉक्टर साहब अचंभे में पड़ गए और तुरंत अब्दुल से पूछा, "किस तरह मेरा और तुम्हारा काम एक जैसा है " अब्दुल डॉक्टर साहब से बोला, " डॉक्टर साहब ये इंजन कार का दिल होता है और उसकी मरम्मत मैं करता हूँ और यह चेक करता हूँ यह किस तरह से चल रहा है मैं खोलता हूँ और कोई दिक्कत होने पर उसको ठीक ही मैं करता हूँ और पुनः सही ढंग से फिट कर देता हूँ, डॉक्टर साहब भी आप भी मेरी तरह कुछ इसी प्रकार सी काम करते हैं।
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डॉक्टर साहब में हाँ में उत्तर दिया फिर अब्दुल में डॉक्टर से गुस्सा करते हुए पूछा, "फिर डॉक्टर साहब यह बताइये फिर आपको हमसे कई गुना पैसे क्यों मिलते हैं और हमे कम क्यों मिलते हैं " डॉक्टर साहब कुछ देर सोचने के बाद बोलें, "क्या अब्दुल तुम यही काम चालू इंजन पर कर सकते हो" अब्दुल को अब अपनी गलती का पता चल चुका था इसलिए वो डॉक्टर से कुछ ना बोल सका।
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दोस्तों हमें भी कभी भी दूसरे के काम को छोटा नहीं समझना चाहिये, बेशक आपका काम बड़ा है लेकीन किसी दूसरे के काम को छोटा समझना उचित नहीं होता है हम दूसरों को केवल बाहरी तरफ से जानते हैं और उस काम को करने में होनी परेशानियों के बारे में हमें जानकारी नहीं होती है इसलिए किसी दूसरे के काम को कभी छोटा नहीं समझना चाहिये।