एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी 'समझदार ऊंट'

एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी 'समझदार ऊंट'

एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी 'समझदार ऊंट'

दोस्तों के समय की बात है एक व्यक्ति तपते हुए रेगिस्तान में यात्रा पर जा रहा था, उस व्यक्ति के साथ उसका ऊंट था जिस पर खूब सारा समान लदा हुआ था, ऊंट और व्यक्ति रेगिस्तान की गर्मी के कारण पसीने से भीग चुके थे। बहुत दूर चलने के बाद जब व्यक्ति थक गया तो उसने आराम करने का विचार बना लिया, इसलिए उसने अपनी यात्रा को बीच में रोककर और फिर ऊंट की पीठ से अपना तंबू उतारकर लगा लिया और तंबू के नीचे आराम करने लगा। 

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बहुत देर से चलते-चलते ऊंट भी थक चुका था और वो भी आराम करने के बारे में सोच रहा है लेकिन उस व्यक्ति ने ऊंट को खड़े रहने के बारे में बोल दिया, व्यक्ति ने ऊंट के नीचे आराम किया और जब शाम होने लगी तो व्यक्ति ने भोजन किया और फिर से ऊंट पर सवार होकर फिर से यात्रा के लिए निकल लिया, ऊंट अपने मालिक की इस इस हरकत को देखकर बेहद क्रोधित हो गया लेकिन वो क्या कर सकता था। 

 

धीरे-धीरे शाम ढलने लगी और रात का समय होने लगा, आपको मालूम होगा कि रेगिस्तान में दिन जीतने गरम होते हैं रात उतनी ही ठंडी होती है, आधी रात बीत जाने पर व्यक्ति को ठंडी लगने लगी इसलिए उसने ऊंट को रोका और फिर उसकी पीठ पर से तंबू उतारकर लगा लिया और ऊंट के नीचे जाकर आराम करने लगा। 

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लेकिन इस बार ऊंट से पहले से ही तैयारी कर रखी थी इसलिए उसने उस व्यक्ति से बोला ”मालिक, मुझे भी ठंड लग रही है।“

अरब ने घूरकर ऊंट तरफ देखा और फिर से तंबू में घुस गया, ऊंट बार-बार तंबू में सिर डालकर मालिक से पूछा ”मालिक मैं भी अंदर आ जाऊं….?“

व्यक्ति ने सोचा ये ऊंट आज मुझको सोने नहीं देने वाला है इसलिए उसने ऊंट से कहा ”ठीक है, तुम भी अपना सिर तंबू के अंदर कर लो।“ ऊंट खुश हो गया। वह मन ही मन मुस्करा रहा था।

थोड़ी देर के बाद ऊंट ने फिर से कहा ”वाह मालिक, मजा आ गया। अब मेरे सिर को ठंड नहीं लग रही है। आप बुरा न मानें तो अपनी अगली टांगें भी तंबू के अंदर कर लूं।“

मालिक ने इसके लिए आज्ञा दे दी और ऊंट ने अपने पैर सिकोड़ लिए और ऊंट ने गरदन और अगली टांगें भी टैंट में कर लिया। 

जैसे ही व्यक्ति सोने लगा तभी ऊंट जोर-जोर से कराहने लगा तो उस व्यक्ति ने पूछा ”अब क्या हुआ?“

तब ऊंट ने उत्तर दिया ”ऐसे तो मैं बीमार हो जाऊंगा मालिक! आधा शरीर गरम और आधा ठंडा हो रहा है। देख लीजिए, अगर मैं बीमार हो गया तो आपको भी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ेगी।“

व्यक्ति सोच में पड़ गया और बोल ”तो क्या करूं?“

ऊंट बोला ”करें क्या मालिक? मैं अपना बाकी शरीर भी अंदर कर लेता हूं।“

तभी वो व्यक्ति बोला ”नहीं, नहीं! इस तंबू में दो की जगह नहीं है।“

फिर ऊंट बोला ”हां, यह बात तो है मालिक।“ ऊंट बोला, ”ऐसा कीजिए, आप बाहर निकल जाइए। मैं अंदर लेट जाता हूं।“

ऐसा कहकर ऊंट तंबू में घुस गया और उस व्यक्ति को सारी रात बाहर ठंड में गुजारनी पड़ी इस पर समझदार ऊंट ने अपने मालिक से अपना बदला लेकर अपना हिसाब बराबर कर लिया।