एक रोचक और प्रेरणा दायक कहानी 'शेर और चार बैल'
दोस्तों एक समय की बात है कि एक जंगल में चार बैल रहते थे उन चारों बैलों में आपस में एक दूसरे के प्रति गहरी दोस्ती थी इसलिए हर कोई उनसे भयभीत रहता था इसीलिए उन चारों को एक साथ देखकर सभी हिंसक जानवर भी उन पर हमला नहीं करते थे।
जंगल के राजा शेर ने बैलों का शिकार करने के बारे में कई सारी योजनाएं बनाई लेकिन हर बार शेर की योजना धरी की धरी रह गई क्योंकि उन चारों बैलों से एक साथ लड़ने की हिम्मत किसी के पास मौजूद नहीं थी।
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शेर ने चारों बैलों की दोस्ती को देखकर सोचा कि इन चारों को एक साथ मैं शिकार नहीं कर सकता हूँ इसलिए सबसे पहले में इन चारों को एक दूसरे से अलग करने का प्रयास करना चाहिये इससे हमारा काम आसान हो जायेगा।
इसलिए जब शेर बैल से अकेले मे जाकर कहता कि देख भाई तुम्हारे बैल तुमसे जलते हैं और तुम्हारी बुराई पीठ पीछे करते हैं, इसके अलावा वो तुमको बिना बताए कई बार ताजी और अच्छी घास चरने के लिए अकेले ही चले जाते हैं।
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शेर ने इस तरह की बातें सभी बैलों से बारी-बारी से कही जिसके कारण वो चारों बैल एक दूसरे से नफरत करने लगे और अलग-अलग रहना शुरू कर दिया।
शेर ने इसी बात का फायदा उठाया और अपने शिकार के लिए तैयार हो गया इसलिए जब भी कोई बैल अकेले घास चरने के लिय जाता तो शेर उसको अपना शिकार बना लेता इस प्रकार शेर ने चारों को अपना शिकार बनाकर मारकर खा डाला।