रहीम दास अकबर के नौ रत्नों में से एक थे। रहीम दास बैरम खान और सलीमा सुल्ताना के पुत्र थे।रहीम के पिता बैरम खान मुगल शासक अकबर के 13 वर्ष तक संरक्षक थे।
यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं , मुझे इसका गर्व होगा . मेरे खून की हर एक बूँद …..इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी।
Phir Na Simtegi Mohabbat Jo Bikhar Jayegi,
Zindgi Zulf Nahi Jo Phir Sanwar Jayegi,
फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,
ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी