हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ।
Har Mulakat Par Waqt Ka Takaza Hua,
Har Yaad Par Dil Ka Dard Taaza Hua,
Suni Thi Sirf Logon Se Judaai Ki Baatein,
Khud Par Beeti To Haqikat Ka Andaza Hua