ज़ुबान खामोश, आँखों में नमी होगी

ज़ुबान खामोश, आँखों में नमी होगी

ज़ुबान खामोश, आँखों में नमी होगी,
यही बस मेरी एक दास्ताँ-ए-ज़िन्दगी होगी,
भरने को तो हर ज़ख़्म भर जायेगा,
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।

Zubaan Khamosh, Ankhon Me Nami Hogi,
Yahi Bas Meri Ek Dastan-E-Zindagi Hogi,
Bharne Ko To Har Zakham Bhar Jayega,
Kese Bharegi Wo Jagah Jaha Teri Kami Hogi.