आदमियों का खून और मांस खाने के बाद उसने सोच क्यों ना आदमियों को मारकर खाया जाए, इस तरह वो आदमियों की तलाश में निकल पड़ा, करीब तीन दिनों तक जंगल में घूमने के बाद उसको एक बस्ती दिखाई देती है, राक्षस ने बस्ती में बने हुए मकानों को पहली बार ही देखा था लेकिन मकानों में लगे हुए दरवाजों को देखकर वह बहुत हैरान हो गया, उसने घर में जाने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती क्योंकि घरों के दरवाजे बहुत छोटे थे जिसके कारण वो घरों में मौजूद लोगों को पकड़ नहीं पा रहा था।
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
Mujhko Phir Wahi Suhana Najara Mil Gaya,
Inn Aankhon Ko Deedar Tumhara Mil Gaya,