हर धर्म में प्रेम, करुणा, और भलाई का पोषक कोर है। बाहरी खोल में अंतर है, लेकिन भीतरी सार को महत्त्व दीजिये और कोई विवाद नहीं होगा। किसी चीज को दोष मत दीजिये, हर धर्म के सार को महत्त्व दीजिये और तब वास्तविक शांति और सद्भाव आएगा।
Is Kadar Dil Ko Dukhana Achha Nahi Hota,
Har Kisi Se Yun Dil Ko Lagana Achha Nahi Hota,
इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता,
हर किसी से यूँ दिल को लगाना अच्छा नहीं होता,
Laazim Nahin Ke Usko Bhi Mera Khayal Ho,
Mera Jo Haal Hai Wohi Uss Ka Bhi Haal Ho,
लाजिम नहीं कि उस को भी मेरा ख्याल हो,
मेरा जो हाल है वही उसका भी हाल हो,
बेटा कैंची हमेशा काटने का काम करती है और सुई हमेशा जोड़ने का काम करती है, काटने वाले का स्थान हमेशा नीचे रहता है और जोड़ने वाले का स्थान हमेशा ऊपर रहता है|