वो आज खूने-दिल से मेंहदी लगाये बैठे हैं,
सारे किस्से मेरे दिल से लगाये बैठे हैं,
ख़ामोशी में भी एक शोर है उनकी,
सुर्ख जोड़े में खुद को बेवा बनाये बैठे हैं।
Taabeer Jo Mil Jati To Ek Khwaab Bahut Tha,
Jo Shakhs Ganva Baithe Hai Nayab Bahut Tha,
ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था,
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
Chupke Se Aakar Iss Dil Mein Utar Jate Ho,
Saanso Mein Meri Khushbu BanKe Bikhar Jate Ho,