वो आज खूने-दिल से मेंहदी लगाये बैठे हैं,
सारे किस्से मेरे दिल से लगाये बैठे हैं,
ख़ामोशी में भी एक शोर है उनकी,
सुर्ख जोड़े में खुद को बेवा बनाये बैठे हैं।
Mushkilein Jaroor Hain Magar Thehra Nahi Hoon Main,
Manzil Se Jara Keh Do Abhi Pahucha Nahi Hoon Main.
मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं,
मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं।
Yeh Mat Kehna Ke Teri Yaad Se Rishta Nahi Rakha,
Main Khud Tanha Raha Magar Dil Ko Tanha Nahi Rakha,
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा,
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
Badalna Nahi Aata Humein Mausam Ki Tarah,
Har Ek Rut Mein Tera Intezaar Karte Hain,