11 मुखी हनुमान जी पूजा करने से होता हैं सारी परेशानियों का अंत

11 मुखी हनुमान जी पूजा करने से होता हैं सारी परेशानियों का अंत

11 मुखी हनुमान जी पूजा करने से होता हैं सारी परेशानियों का अंत, जानते हैं किस मूर्ति की पूजा करने से किस फल की होती है प्राप्ति-
दोस्तों हमारे हिन्दू धर्म में हनुमान जी का विशेष स्थान है, कलियुग में हनुमान जी केवल एक ऐसे भगवान हो आज भी इस धरती पर निवास करते हैं। हनुमान जी इतने पराक्रमी है कि यदि कोई उनका नाम भक्त उनका नाम भी लेता है तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, जो व्यक्ति हनुमान जी की सच्चे मन से आराधना करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं और उसे किसी परकार का भय नहीं रहता है। हनुमान जी के बहुत सारे रूप है और हर रूप की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है, आज हम आपको हनुमान जी के 11 मुखी रूपों के बारे में बताने जा रहे हैं और यह भी जानेंगे कि किस रूप की पूजा करने से किस फल की प्राप्ति होती है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

 

1.उत्तरामुखी-
हनुमान जी के इस रूप की बड़ी महिमा होती है, यदि आप शुभ और मंगल की कामना रखते हैं आपको उत्तरामुखी हनुमान जी आराधना अवश्य करनी चाहिये। हनुमान जी की वो मूर्ति जो उत्तर दिशा की ओर मुख किये होती है उसको शूकर माना जाता है, इस रूप की पूजा करने से धन दौलत की प्राप्ति होती है और उसके मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है। 

 

2.पूर्वमुखी-
हनुमान जी के इस पूर्वमुखी रूप को वानर के रूप में जाना जाता है, पूर्वमुखी हनुमान जी का तेज करोड़ों सूर्यो की तरह होता है, यदि आप अपने घर में पूर्वमुखी हनुमान की पूजा करते हैं तो  आपके दुश्मन परास्त होने लगते हैं। यदि आपके शत्रुओं की संख्या लगातार बढ़ रही हैं जो आपके लिए परेशानी का कारण बन रही है तो आपको पूर्वमुखी हनुमान जी उपासना जरूर करनी चाहिये। 

 

3.पश्चिममुखी-
हनुमान जी के इस रूप की विशेष महिमा होती है, हनुमान जी के पश्चिममुखी रूप को गरुण माना जाता है, गरुण को हमलोग भगवान विष्णु जी का वाहन मानते हैं और गरुण ऐसा पक्षी होता है जो अमर होता है यानि इसका अर्थ यह होता है कि यदि को पश्चिममुखी हनुमान जी की उपासना करता है तो उसको अमर होने का आशीर्वाद मिलता है यानि उसकी उम्र लंबी होती है और उसे किसी प्रकार की बीमारी भी नहीं होती है। 

 

4.दक्षिणामुखी-
हनुमान जी दक्षिणामुखी रूप की बड़ी महानता होती है आपको हर जगह हनुमान जी के इस रूप की प्रतिमायें देखने को मिल जाती हैं, दक्षिणामुखी हनुमान को नर्सिंगह का रूप माना जाता है। यदि आपको डर, घबराहट बेचैनी आदि की समस्या होती है तो आपको अपने घर में दक्षिणामुखी हनुमान की मूर्ति अवश्य लगानी चाहिये और उसकी पूजा करनी चाहिये इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा और हनुमान जी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। 

 

5.ऊधर्वमुख-
हनुमान जी का यह ऊधर्वमुख रूप भी बेहद कल्याणकारी होता है, इस मुख का अर्थ होता है घोड़े जैसा होना, हनुमान जी का यह रूप ब्रह्मा जी प्रार्थना से प्रकट हुआ था। हनुमान जी इस मुख के साथ  हयग्रीवदैत्य का संहार करने के लिए पैदा हुए थे, इस मुख वाले हनुमान जी की प्रार्थना करने से आपको बिगड़ते काम बनने लगते हैं और सारी बाधायें दूर हो जाती हैं। 

 

6.एकादशी हनुमान-
भगवान भोलेनाथ जी का एकादश अवतार एकादशी हनुमान है, हनुमान जी ने कालकारमुख नाम के भयानक राक्षस का वध करने के लिए इस रूप को धारण किया था, एकादशी के दिन एकादशी हनुमान की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। 

 

7.वीर हनुमान-
राम भक्त हनुमान जी का यह रूप वीर हनुमान बल और शक्ति का प्रतीक माना जता है जो भी व्यक्ति इस रूप की पूजा करता है तो उसको बल बुद्धि, पराक्रम और आत्मविश्वास आदि की प्राप्ति होने लगती है और उसके बिगड़े काम बनने लगते हैं। 

 

8.पंचमुखी हनुमान-
आपने हनुमान जी के इस पंचमुखी हनुमान रूप के बारे में जरूर सुना होगा, पवित्र ग्रंथ रामायण में भी इस रूप के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। रामायण में जब राम और लक्ष्मण जी कैद कर लिया गया था तब हनुमान जी ने पंचमुखी रूप को धारण किया था, क्योंकि अहिरावण ने पाँच मुख का दीपक जलाया था जिसको एक साथ फूँक देने पर पांचों दीपक एक साथ बुझ जाते हैं और अहिरावण का वध हो जाता है। हनुमान जी अहिरावण का वध करने के लिए पंचमुखी हनुमान का रूप रखा था और पांचों दीपक को एक साथ बुझा दिया था, हनुमान जी इस पंचमुखी हनुमान रूप की पूजा करने से हमारे कष्ट दूर होने लगते हैं। 

 

9.भक्त हनुमान-
हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त थे और राम जी की भक्ति में हमेशा मगन रहते थे, आपको हनुमान जी इस रूप भक्त हनुमान की मूर्ति हर जगह देखने को मिल जाती है इस रूप में हनुमान जी आपको माता सीता और राम को प्रणाम करते हुए दिखाई देते हैं। 

 

10.दास हनुमान-
वीर हनुमान खुद को श्री राम का परम भक्त और उनका दास मानते हैं, आप जब भी हनुमान जी को श्री राम जी के साथ देखते हैं तो आपको वो श्री राम के चरणों में बैठे हुए दिखाई देते हैं।