ये हैं माता के पाँच मंदिर, जहां दर्शन करने से मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर

ये हैं माता के पाँच मंदिर, जहां दर्शन करने से मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर

ये हैं माता के पाँच मंदिर, जहां दर्शन करने से मात्र से हो जाते हैं सारे कष्ट दूर-

देवी माता के पावन 9 दिन का पर्व नवरात्र के नाम से जाना जाता है, शारदीय नवरात्रि इस बार आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 7 अक्टूबर 2021 से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलने वाले हैं। माता के नवरात्रि के दौरान माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है, नवरात्रि के बाद 15 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा और इसी दिन माता दुर्गा जी का विसर्जन भी किया जाता है। शास्त्रों में माता दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की महिमा कही गई है, माता के हर रूप की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

 

नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर में जाकर दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है और उस व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होने लगता है। दोस्तों आज हम आपको माता के पाँच मंदिरों के बारे में बताने जा रहें हैं, जहां पर आपको नवरात्रि के दौरान दर्शन करने के लिए अवश्य जाना चाहिये, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

 

1.दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता-
माता का यह मंदिर पश्चिम बंगाल राज्य के कोलकाता शहर में मौजूद है, यहाँ पर देश विदेश हर जगह लोग दर्शन करने के लिए आते रहते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। दक्षिणेश्वर काली मंदिर में माता भवतारिणी की मूर्ति स्थापित है जिसको माँ काली के नाम से जाना जाता है। 

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2.ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा-
हिमांचल प्रदेश राज्य के कांगड़ा स्थान पर मौजूद ज्वाला देवी मंदिर अपनी अनोखी खूबियों के लिए जानी जाती है, माता के इस मंदिर में हमेशा आग के लपटे निकलती रहती हैं जिसके कारण इस मंदिर का नाम ज्वाला देवी पड़ा था। 

 

3.करणी माता मंदिर राजस्थान-
भारत के राजस्थान में मौजूद करणी माता मंदिर अपनी अनोखी खूबियों के लिए जाना जाता है, दरअसल इस मंदिर को चूहों के मंदिर के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर हजारों चूहे एकत्रित होते रहते हैं। 

 

4.नैना देवी मंदिर, बिलासपुर-
दोस्तों माता दुर्गा का यह मंदिर हिमांचल प्रदेश में बिलासपुर नामक स्थान पर मौजूद हैं और यह माता के 51 शक्ति पीठों में से एक है। नैना देवी मंदिर होने के पीछे का कारण लोग यह मानते हैं कि यहाँ पर माता सती जी की आँख गिरी हुई थी जिसके कारण इस स्थान का नाम नैना देवी पड़ा था। 

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5.कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी-
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी यह भारत के असम राज्य में गुवाहाटी शहर में मौजूद है, यह मंदिर निलांचल की पहाड़ियों के बीच मौजूद है। यह मंदिर माता के 51 शक्ति पीठों में से एक है, और इस मंदिर में माता कामख्या देवी की मूर्ति मौजूद है, यह स्थान तांत्रिक क्रियाओ के लिए भी जाना जाता है।