भारत के प्रमुख धर्म-
भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहाँ पर हर धर्म के लोग शांति और सद्भावना के साथ रहते हैं। हर धर्म के लोग अपने धर्म के अनुसार अपने त्यौहारों को मनाते हैं, सबसे अधिक त्यौहार हिन्दू धर्म में मनाए जाते हैं। दुनिया की बात करें तो दुनिया की 80 फीसदी आबादी किसी ना किसी धर्म को मानती हैं और बचे 20 फीसदी लोग किसी धर्म को नहीं मानते हैं, वो नास्तिक होते हैं।
भारत की आबादी इस समय 135 करोड़ के आस पास है और इतनी बड़ी आबादी में धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या भी करोड़ों में हैं। भारत देश में सबसे अधिक हिन्दू धर्म को माना जाता है फिर दूसरे नंबर पर मुस्लिम धर्म आता है इसी तरह अन्य धर्म के नाम भी आते हैं। पूरी दुनिया के बात करे तो दुनिया में 300 से अधिक धर्म हैं, जिनका लोग अनुसरण करते हैं, लेकीन शरुआत के दस धर्म ही हैं जिनकी तादाद सबसे अधिक हैं बाकी की संख्या लाखों में हैं इसलिए इन्हे इतना महत्व नहीं दिया जाता है।
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अगर दुनिया की बात करते हैं तो दुनिया में सबसे अधिक लोग ईसाई धर्म को मानते हैं फिर मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग हैं। आज हम आपको भारत के धर्मों के बारे में बताने जा रहे हैं और यह भी बताएंगे कि देश में किस धर्म को मानने वाले कितने लोग निवास करते हैं तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। भारत में प्रमुख रूप से सात धर्म के लोग ही निवास करते हैं, इसके अतिरिक्त भारत में 7 लाख के करीब ऐसे लोग भी हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं अर्थात ये लोग नास्तिक होते हैं।
1.हिन्दू धर्म-
दुनिया के किसी भी देश से सबसे अधिक हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग भारत में हैं। हिन्दू धर्म की उत्पत्ति भी भारत देश से हुई है, हिन्दू धर्म को सनातन धर्म से जाना जाता है और यह दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सबसे अधिक हिन्दू धर्म के लोग 82 करोड़ के आसपास है जो देश की 80 फीसदी जनसंख्या के करीब है और भारत में सबसे अधिक हिन्दू मंदिरों की संख्या मौजूद है। हिन्दू धर्म में सबसे अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहार होली, दीपावली और रक्षाबंधन हैं। 2.मुस्लिम धर्म-
भारत में हिन्दू के बाद मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग निवास करते हैं। इस धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या भारत के साथ दुनिया में भी दूसरे स्थान पर आती है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 15 करोड़ लोग मुस्लिम धर्म को मानते है जोकि भारत की जनसंख्या का 14 फीसदी के करीब है।
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3.ईसाई धर्म-
भारत में तीसरे नंबर ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का नाम आता है, लेकीन पूरी दुनिया की बात करें तो दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले लोग सर्वाधिक मौजूद हैं। ईसाई धर्म के लोग अपनी पूजा करने के लिए चर्च में जाते हैं और ईसाई धर्म में जो व्यक्ति चर्च में रहता है उसको पादरी कहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 2.5 करोड़ के करीब ईसाई धर्म को मानने वाले लगो रहते हैं, ईसाई धर्म को मानने वाले लोग भारत के दक्षिण भाग में सर्वाधिक पाए जाते हैं।
4.सिख धर्म-
भारत में चौथे स्थान पर सिख धर्म को मानने वाले लगो रहते हैं, सिख धर्म की उत्पत्ति भारत में मानी जाती है। 15 वीं शताब्दी में गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी। भारत के अतिरिक्त दूसरे देशों में भी पंजाबी लोग निवास करते हैं, कनाडा में पंजाबी लोग भारी संख्या में रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में सिख धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ के करीब है।
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5.बौद्ध धर्म-
भारत में पाँचवे नंबर पर बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों का नाम आता है, बौद्ध धर्म की स्थापना गौतम बुद्ध जी ने की थी। भारत में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग की संख्या अधिक नहीं है लेकीन पूर्वी एशिया के देशों में बौद्ध धर्म को मानने वाले बहुत सारे लोग रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 80 लाख के करीब है।
6.जैन धर्म-
जैन धर्म को मानने वाले लोग पूरे भारत में निवास करते हैं, जैन धर्म की स्थापना महावीर स्वामी के द्वारा की गई थी जो जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर थे। जैन धर्म की स्थापना भारत में हुई थी और भारत में ही इस धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जैन धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 43 करोड़ के आस पास है।
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7.पारसी धर्म-
पारसी धर्म की स्थापना भारत में महात्मा ज़रथुष्ट्र ने की थी, इसलिए इस धर्म को ज़रथुष्ट्री धर्म के नाम से जाना जाता है। पारसी धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग भारत में निवास करते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पारसी धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 70 हजार के आस पास है।