Holi 2022: जाने कब से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, होलाष्टक के दिनों में क्या नहीं करना चाहिये और क्या करना चाहिये-
होली हम भारतीयों का ऐसा पर्व है जिसके बारे में सम्पूर्ण भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व जानता है। इस पर्व को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल ,बांग्लादेश ,कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस ,चीन जैसे कई देशो में यह पर्व अलग अलग नाम से भव्य स्तर पर मनाया जाता है। भारत में भी इस त्यौहार को सभी वर्गो के लोग बहुत व्यापक रूप में मानते है, इस होली के त्यौहार को में इतनी मिठास है की लोगो की वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है।
हमारे हिन्दू शास्त्र में फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि के बीच के दिनों को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है, इस बार होलाष्टक 10 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं और 17 मार्च तक चलने वाले हैं। होलाष्टक के दिनों में कुछ काम करने को मना किया जाता है तो कुछ काम करना शुभ भी माना जाता है, आज हम आपको होलाष्टक के दिनों में किन कामों को करना चाहिये और किन कामों को करने से बचना चाहिये इसके बारे में बताने जा रहे हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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होलाष्टक के दिनों में ना करें ये काम-
हिन्दू ज्योतिष के माने तो होलाष्टक यानि अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक नवग्रह अपना उग्र रूप धारण कर लेते हैं, जिसके कारण इन दिनों शुभ काम करने से अमंगल होने की संभावना बनी रहती है, इसलिए माना जाता है इन दिनों कोई शुभ काम करने से हमें बचना चाहिये। होलाष्टक के दिनों में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण एवं विद्यारंभ जैसे शुभ कामों को करना उचित नहीं माना जाता है इसलिए इन दिनों ये काम नहीं करना ही बेहतर होता है।
होलाष्टक के दिनों में करें ये काम-
भोलेनाथ की पूजा-
भगवान भोलेनाथ की पूजा करना हमेशा से शुभ फल देना वाला होता है, होलाष्टक के दिनों में भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, आप इन दिनों भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं इससे आपको रोगों से मुक्ति मिलती है और आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
भगवान गणेश और हनुमानजी की आराधना-
होलाष्टक के दिनों में आप भगवान गणेश के साथ-साथ भगवान हनुमान जी पूजा कर सकते हैं, जो व्यक्ति इन दिनों नियमित रूप से पूजा करता है उसके सारे कष्ट अपने आप दूर होने लगते हैं और उसको आर्थिक लाभ भी मिलता है।
भगवान विष्णु जी की पूजा करना-
होलाष्टक के दिनों में भगवान विष्णु जी की पूजा करना भी शुभ फल देने वाला काम होता हैं, इन दिनों विष्णु भगवान की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट विष्णु जी दूर कर देते हैं और उसकी मनोकामनाओं की भी पूर्ति करते हैं।
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दान-
होलाष्टक के दिनों में दान करना बेहद शुभ कार्य माना जाता है, होलाष्टक में आपको व्रत, पूजन और हवन आदि करना चाहिये और इसके बाद दान भी देना चाहिये ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है।
खान-पान पर ध्यान-
होलाष्टक में ऋतु परिवर्तन होने लगता है यानि सर्दी का मौसम जाने लगता है और गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है, इसलिए इन दिनों बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। होलाष्टक के दिनों में हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि इस दौरान की गई जरा सी लापरवाही हमारे स्वास्थ्य को खराब कर सकती है।