मारे हिन्दू धर्म में कई सारे त्योहार और व्रत साल भर चलते रहते हैं, हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दोनों पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत को मनाने की परंपरा है। प्रदोष भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है, इस दिन हमलोग भोलेनाथ की बड़ी धूम-धाम से पूजा करते हैं और व्रत का अनुष्ठान भी करते हैं। जो व्यक्ति इस दिन व्रत का अनुष्ठान करता है उसके परिवार में हमेशा खुशहाली बनी रहती है और घर में समृद्धि आती है, जब प्रदोष व्रत का त्योहार मंगलवार के दिन पड़ता है तब हमलोग उसे भौम प्रदोष के नाम से जानते हैं, वहीं जब प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है तो उसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है,जब प्रदोष व्रत शनिवार के दिन आता है तो उसे हम शनि प्रदोष के नाम से जानते हैं।