Chanakya Neeti: घर में सुख-शांति के लिए घर के मुखिया में होने चाहिये ये गुण-
दोस्तों आचार्य चाणक्य को हम सभी लोग जानते हैं,चाणक्य को हमलोग विष्णु गुप्त कौटिल्य आदि नामों से जानते हैं। चाणक्य बहुत ही कुशाग्र बुद्धि होने के साथ अलग-अलग विषयों पर गहन जानकारी रखते थे, उन्हे अर्थशास्त्र का बड़ा ही विद्वान कहा जाता है, आचार्य चाणक्य के जीवन में कई सारी मुसीबतें आई लेकिन इन्होंने उनका डटकर सामना किया है और मुसीबतों को परास्त करके जीवन के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़े रहें। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमानी से नन्द वंश के राजा घनानन्द को चन्द्रगुप्त के हाथों परास्त किया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवालिया, चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में घर के मुखिया ने बारे में कुछ बातें लिखी हैं, चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया के अंदर कुछ गुण होना सबसे जरूरी होता है, जिस घर के मुखिया में ये गुण मौजूद होते हैं उस घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है, तो बने रहिए हमारे साथ जानते हैं कौन से हैं वो गुण घर मे मुखिया में मौजूद होनी चाहिये।
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1.कभी न करें अन्न का अपमान करने का गुण-
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर में मुखिया में अन्न को लेकर सम्मान का गुण हमेशा मौजूद होना चाहिये, घर के किसी भी सदस्य को अन्न का अपमान नहीं करना चाहिये, क्योंकि इससे भगवान रुष्ट हो जाते हैं और घर में दरिद्रता बनी रहती है, इसलिए घर के मुखिया के साथ-साथ सभी सदस्यों को अन्न का सम्मान जरूर करना चाहिये।
2.भाई के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का गुण-
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर के मुखिया में भाइयों के बीच में अच्छे संबंध बनाने का गुण जरूर होना चाहिये, क्योंकि जब परिवार के लोगों के बीच में अच्छे संबंध नहीं होते हैं तो इससे दुश्मनों को परिवार में सेंध लगाने में आसानी होती है, इसलिए घर के मुखिया का दायित्व बनता है कि घर के भाई-बंधुओ को एक साथ जोड़ कर रखे ताकि घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहे।
3.फिजूलखर्चे से बचने का गुण-
आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार घर के मुखिया में फिजूलखर्ची के बचने का गुण जरूर मौजूद होना चाहिये, घर के मुखिया को भविष्य में जरूर सोचना चाहिये और घर के बच्चों के भविष्य के लिए बचत जरूर करनी चाहिये। जिस घर के मुखिया में यह गुण मौजूद होता है वहाँ हमेशा सुख और शांति रहती है।
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4.सदस्यों से हर मुद्दे पर बात करने का गुण-
आचार्य चाणक्य के अनुसार घर मे मुखिया में परिवार के लोगों से हर मुद्दे पर बात करने का गुण जरूर होना चाहिये, यदि किसी परिवार में कोई परेशानी आती है तो मुखिया का कर्तव्य बनता है कि परिवार के सभी सदस्यों से बात करें और परेशानी से बाहर निकलने के बारे में योजना बनाये, इसलिए घर के मुखिया का दायित्व बनता है कि घर के सभी सदस्यों का ध्यान रखे और सबको समय देना चाहिये।