Chanakya niti: चाणक्य के अनुसार ऐसी संतान और माता-पिता होते हैं शत्रु के समान-
दोस्तों आचार्य चाणक्य को हम सभी लोग जानते हैं,चाणक्य को हमलोग विष्णु गुप्त कौटिल्य आदि नामों से जानते हैं। चाणक्य बहुत ही कुशाग्र बुद्धि होने के साथ अलग-अलग विषयों पर गहन जानकारी रखते थे, उन्हे अर्थशास्त्र का बड़ा ही विद्वान कहा जाता है, आचार्य चाणक्य के जीवन में कई सारी मुसीबतें आई लेकिन इन्होंने उनका डटकर सामना किया है और मुसीबतों को परास्त करके जीवन के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़े रहें। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमानी से नन्द वंश के राजा घनानन्द को चन्द्रगुप्त के हाथों परास्त किया और इतिहास में अपनानाम दर्ज करवा लिया, चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में रिश्तों के बारे में विस्तार पूर्वक लिखा है और कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताया है जब माता-पिता के लिए संतान शत्रु के समान हो जाती है और संतान के लिए माता-पिता शत्रु के समान हो जाते हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
1.कर्ज ना चुकाने वाला पिता-
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो पिता अपने कर्ज को समय से नहीं चुकाता है वो अपने पुत्र के लिए शत्रु के समान होता है, क्योंकि कर्ज हो जाने के कारण पुत्र का जीवन कष्टमय बना रहता है इसलिए पिता को अपने ऊपर कर्ज का बोझ नहीं रखना चाहिये इससे उसके पुत्र को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
2.कभी-कभी माँ भी हो सकती है शत्रु-
वैसे तो माँ का पद दुनिया में सबसे बड़ा होता है क्योंकि माँ दुनिया के हर कष्ट को सहते हुए अपनी संतान को पालन करती है, परंतु आचार्य चाणक्य कहते हैं जब कोई माँ अपने पुत्रों के साथ भेदभाव पूर्वक व्यवहार करने लगती है तब वह अपने संतान के लिए शत्रु के समान होती है।
3.संतान को अशिक्षित रखने वाले माता-पिता-
आचार्य चाणक्य बहुत बड़े ज्ञानी और योग्य शिक्षक थे इसलिए उन्होंने जीवने में शिक्षा के महत्व को विस्तार पूर्वक बताया है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति अशिक्षित रहता है तब उसको सारे जीवन में कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अशिक्षित व्यक्ति को कई बार अपमान का सामना करना पड़ता है चाणक्य के अनुसार जो माता-पिता अपनी संतान को शिक्षा से दूर रखते हैं वो संतान के लिए शत्रु के समान होते हैं क्योंकि जब किसी छात्र को शिक्षा से दूर रखा जाता है उसको जीवन में कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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4.मूर्ख संतान-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस किसी की संतान मूर्ख होती है वह अपने माता-पिता के लिए शत्रु के समान होती है, क्योंकि ऐसी संतान अपने माता-पिता को उम्र भर कष्ट देने का काम करती है। मूर्ख संतान अपने माता-पिता के आदेशों की हर समय अवमानना करती है जिससे उन्हे अपमानित जैसा महसूस होता है।