बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के अनमोल विचार
1. महान प्रयासों के अतिरिक्त इस दुनिया मे कुछ भी बहुमूल्य नहीं है।
2. आप यदि मन से स्वतंत्र हैं तभी सच्चाई में स्वतंत्र हैं।
3. आप स्वाद को तो बदल सकते हैं लेकिन जहर को अमृत में बदल नहीं जा सकता है।
4. मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूँ जो महिलाओ ने प्राप्त की है।
5. संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि संविधान जीवन का एक माध्यम है।
6. अगर मुझे लगता है की मेरे द्वारा बनाये गए संविधान का दुरप्रयोग किया जा रहा है सबसे पहले मैं ही इसे जलाऊँगा।
7. यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
8. एक इतिहासकार सटीक और ईमानदार होना चाहिये।
9. मन का विकास ही मनुष्य के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिये।
10. पति और पत्नी के बीच में आपसी संबंध दो सच्चे मित्र की भांति होने चाहिये।
11. जो व्यक्ति झुक सकता है वो किसी को भी झुका भी सकता है।
12. जो धर्म स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सीखाता है वही सच्चा धर्म होत है।
13. संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं होता है जब तक आपको समाजिक स्वतंत्रता नहीं मिल जाती है।
14. ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार होता है।
15. जीवन लंबा होने के बजाय जीवन महान होना चाहिये।
16. देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहिये।
17. धर्म मनुष्य के लिए बना है मनुष्य धर्म के लिए नहीं बना है।
18. मनुवाद को जड़ से समाप्त करना ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।
19. देश के विकास से पहले अपनी बुद्धि के विकास की जरूरत है।
20. भाग्य से ज्यादा अपने ऊपर विश्वास करना चाहिये।
21. एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से कही ज्यादा बेहतर है।