एक रोचक कहानी 'मूर्ख की सीख'

एक रोचक कहानी 'मूर्ख की सीख'

एक रोचक कहानी 'मूर्ख की सीख'

दोस्तों एक समय की बात है कि एक राजा था, राजा ने एक पालतू बंदर को अपनी सेवा करने के लिए रखा लिया, जहां पर भी राजा जाता है तो वो बंदर भी राजा के साथ रहता था। बंदर राजा का पालतू हो गया है इसलिए पूरे राज दरबार में उसको कोई भी टोकने की हिम्मत नहीं करता था, जिसके कारण बंदर जहां चाहे वहाँ अपनी मर्जी से घूम सकता था। 

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एक बार गर्मी के मौसम में राजा अपने शयन कक्ष में आराम कर रहा था और वो बंदर भी राजा के पास बैठा था जो राजा को एक पंखे से हवा दे रहा था, तभी एक मक्खी उड़कर आ गई और राजा के सिनर पर जाकर बैठ गई, जब उस बंदर से मक्खी को देखा तो उसने मक्खी को उड़ाने की कोशिश की मक्खी तो उड़ गई लेकिन फिर बार-बार राजा के सीने पर आकर बैठ जाती थी।

 

मक्खी को बार-बार राजा के ऊपर बैठता देखकर बंदर बहुत क्रोधित हो गया और उसने मक्खी को जान से मारने की योजना बनाने लगा और मक्खी को मारने के लिए हथियार को खोजना शुरू कर दिया। बंदर को कुछ देर के बाद राजा की तलवार पास में रखी दिखाई दिया, उस बंदर ने तलवार को उठाया और पूरे गुस्से से मक्खी को मारने के लिये तलवार राजा के सीने पर मार दिया, लेकिन तलवार लगने से पहले मक्खी तो उड़ गई लेकिन उस राजा के मौत तलवार लगने के कारण हो गयी। 

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी मूर्ख को अपना मित्र नहीं बनाना चाहिये क्योंकि कम दिमाग होने के कारण मूर्ख लोग आपको नुकसान पहुंचा सकते या फिर आपकी मौत का कारण भी बन सकते हैं इसलिए ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिये।