इंदिरा गांधी के अनमोल कथन

इंदिरा गांधी के अनमोल कथन

देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी का जन्म 19 नवंबर 1917 को  इलाहाबाद में हुआ था वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुत्री थी इंदिरा गांधी जी के दो लड़के जिनके नाम राजीव गांधी और संजय गांधी थे। इंदिरा गांधी जी को उनके कड़े और साहसिक निर्णयों के कारण उन्हे आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है। 


इंदिरा गांधी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थी।  इंदिरा गांधी जी ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और वो कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष भी बनी थी। इंदिरा गांधी जी का फिरोज गांधी के साथ हुआ था, फिरोज गांधी जी मौत 1960 में हो गई थी, उनके पुत्र संजय गांधी इंदिरा जी के साथ उनके काम में मदद करने लगे थे लेकिन 1980 में एक विमान दुर्घटना में संजय गांधी जी मृत्यु  हो गई थी।

इंदिरा गांधी जी के मृत्यु  31 अक्टूबर 1984 को हो गई थी जिसके बाद इंदिरा जी के पुत्र राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने। इंदिरा जी से शासन के दौरान ही भारत ने 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त कराया था। इंदिरा गांधी जी एक महान कार्यकर्ता थी और भारत के विकास में योगदान दिया और हमें उनपर आज गर्व है। 


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इंदिरा गांधी के अनमोल कथन -

1. प्रश्न  करने  का  अधिकार  मानव  प्रगति  का  आधार  है। 

 

2. भारत  में   कोई  राजनेता  इतना  साहसी  नहीं  है  कि  वो  लोगों  को  यह  समझाने  का  प्रयास  कर  सके  कि  गायों  को  खाया  जा  सकता  है ।

 
3.
वहां  प्रेम  नहीं  है  जहां  इच्छा  नहीं  है। 

 
4.
आप  बंद  मुट्ठी  से  हाथ  नहीं  मिला  सकते। 

 
5. 
मेरे सभी खेल राजनीतिक  खेल  होते  थे ; मैं  जोन ऑफ आर्क  की  तरह  थी , मुझे  हमेशा  दांव  पर  लगा  दिया  जाता  था।

 
6.
क्रोध  कभी  बिना  तर्क  के  नहीं  होता , लेकिन  कभी -कभार  ही  एक  अच्छे  तर्क  के  साथ।

 

7. यदि  मैं  इस  देश  की  सेवा  करते  हुए  मर  भी  जाऊं , मुझे  इसका  गर्व  होगा . मेरे  खून  की  हर एक  बूँद  …..इस  देश  की  तरक्की  में  और इसे   मजबूत   और  गतिशील  बनाने  में  योगदान  देगी।

 
8.
क्षमा  वीरों  का  गुण  है।
 

9. आपको  गतिविधि  के  समय  स्थिर  रहना  और  विश्राम  के  समय  क्रियाशील  रहना  सीख  लेना  चाहिए।
 

10. एक  देश  की  ताकत  अंततः  इस  बात  में  निहित  है  कि  वो  खुद  क्या  कर  सकता  है , इसमें  नहीं  कि  वो  औरों  से  क्या  उधार  ले  सकता  है। 
 
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11. 
कुछ  करने  में  पूर्वाग्रह  है – चलिए  अभी  कुछ  होते  हुए  देखते  हैं .  आप  उस  बड़ी  योजना  को  छोटे -छोटे  चरणों  में  बाँट  सकते  हैं  और  पहला  कदम  तुरंत  ही  उठा  सकते  हैं।

 
12. अगर  मैं  एक  हिंसक  मौत  मरती  हूँ , जैसा  की  कुछ  लोग  डर  रहे   हैं  और  कुछ  षड्यंत्र   कर  रहे  हैं , मुझे  पता  है  कि  हिंसा  हत्यारों  के  विचार  और  कर्म  में  होगी , मेरे  मरने  में  नहीं।

13. उन  मंत्रियों  से  सावधान  रहना  चाहिए  जो  बिना  पैसों  के  कुछ  नहीं  कर  सकते , और  उनसे  भी  जो  पैसे  लेकर  कुछ  भी  करने  की  इच्छा  रखते  हैं।
 

14. लोग  अपने  कर्तव्यों  को  भूल  जाते  हैं  पर  अधिकारों  को  याद  रखते  हैं।

 
15.
शहादत  कुछ  ख़त्म नहीं करती , वो  महज़  शुरआत  है।