Ittefak Se Hi Sahi Magar Mulakat Ho Gayi,
Dhoondh Rahe The Hum Jinhein Unn Se Baat Ho Gayi,
इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी,
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी
आदमियों का खून और मांस खाने के बाद उसने सोच क्यों ना आदमियों को मारकर खाया जाए, इस तरह वो आदमियों की तलाश में निकल पड़ा, करीब तीन दिनों तक जंगल में घूमने के बाद उसको एक बस्ती दिखाई देती है, राक्षस ने बस्ती में बने हुए मकानों को पहली बार ही देखा था लेकिन मकानों में लगे हुए दरवाजों को देखकर वह बहुत हैरान हो गया, उसने घर में जाने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती क्योंकि घरों के दरवाजे बहुत छोटे थे जिसके कारण वो घरों में मौजूद लोगों को पकड़ नहीं पा रहा था।
यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं , मुझे इसका गर्व होगा . मेरे खून की हर एक बूँद …..इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी।