Lord Buddha Quotes in Hindi, महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े हुए 101 अनमोल विचार-
महात्मा बुद्ध को एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है, जिन्होंने अपने विचारों से पूरे संसार को प्रकाशमान किया है। गौतम बुद्ध को महात्मा बुद्धम सिद्धार्थ आदि नामों से भी जाना जाता है, महात्मा बुद्ध का जन्म शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था, सिद्धार्थ जी माता का नाम महामाया था। गौतम बुद्ध जी की माता जी का निधन सिद्धार्थ के जन्म के सातवें दिन ही हो गया था जिसके बाद सिद्धार्थ जी का पालन पोषण महाप्रजापती गौतमी द्वारा किया गया था। सिद्धार्थ का विवाह यशोधरा के साथ हुआ और इनके एक पुत्र भी हुआ जिनका नाम राहुल था।
एक रात सिद्धार्थ घर बार छोड़ कर जंगल में ज्ञान की प्राप्ति के उद्देश्य से चले गए, इनको बिहार के गया में पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई जिसके बाद ये गौतम बुद्ध के नाम से प्रचलित हुए। गौतम बुद्ध जी ने अपना पहला उपदेश सारनाथ, वाराणसी में दिया था और सबसे ज्यादा उपदेश कौशांबी में दिए थे। आज हम आपको गौतम बुद्ध से जुड़े हुए कुछ अनमोल विचारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे पढ़कर आप भी खुश हो जाएंगे तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े हुए 101 अनमोल विचार-
1. आप पूरे ब्रह्माण्ड में किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर सकते हैं जो आपसे अधिक आपके प्रेम और स्नेह के लायक है, और वह व्यक्ति आपको कहीं नहीं मिलेगा. जितना इस ब्रह्माण्ड में कोई और आपके प्रेम और स्नेह के अधिकारी है, उतना ही आप खुद हैं।
2. आप केवल वही खोते हैं जिससे आप चिपक जाते हैं।
3. पहुँचने से अधिक ज़रूरी ठीक से यात्रा करना है।
4. हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं।
5. घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है।
6. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है।
7. क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं।
8. मैं कभी नहीं देखता कि क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।
9. हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं. हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है।
10. कोई व्यक्ति इसलिए ज्ञानी नहीं कहलाता क्योंकि वह सिर्फ बोलता रहता है; लेकिन अगर वह शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निर्भय है तो वह वास्तव में ज्ञानी कहलाता है।
11. जो बुद्धिमानी से जिए हैं उन्हें मृत्यु का भी भय नहीं होना चाहिए।
12. जूनून जैसी कोई आग नहीं है, नफरत जैसा कोई दरिंदा नहीं है, मूर्खता जैसी कोई जाल नहीं है, लालच जैसी कोई धार नहीं है।
13. एक भिक्षुक जिस किसी भी चीज के पीछे अपने सोच-विचार से लगा रहता है, वही उसकी जागरूकता का झुकाव बन जाता है।
14. क्रोध को बिना क्रोधित हुए जीतो; बुराई को अच्छाई से जीतो; कंजूसी को दरियादिली से जीतो, और असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो।
15. यदि आप दिशा नहीं बदलते हैं तो संभवतः आप वहीँ पहुँच जायेंगे जहाँ आप जा रहे हैं।
16. शब्द बहुत अच्छी तरह से विचार व्यक्त नहीं करते हैं; हर चीज तुरंत थोड़ा अलग हो जाती है, थोड़ा विकृत हो जाती है, थोड़ा मूर्खतापूर्ण हो जाती है।
17. यदि आपकी दया आपको सम्मिलित नहीं करती, तो वो अधूरी है।
18. दर्द निश्चित है, दुख वैकल्पिक है।
19. जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है।
20. सबकुछ समझने का अर्थ है सबकुछ माफ़ कर देना।
21. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे।
22. जिस क्षण आप सारी सहायता अस्वीकार कर देते हैं आप मुक्त हो जाते हैं।
23. अपना ह्रदय अच्छी चीजें करने में लगाओ. इसे बार-बार करो और तुम प्रसन्नता से भर जाओगे।
24. कष्ट की जड़ आसक्ति है।
25. ये सोचना हास्यास्पद है कि कोई और आपको प्रसन्न या अप्रसन्न कर सकता है।
26. ख़ुशी इसपर निर्भर नहीं करती कि आपके पास क्या है या आप क्या हैं. ये पूरी तरह से इस पर निर्भर करती है कि आप क्या सोचते हैं।
27. मैं दुनिया के साथ मतभेद नहीं करता; बल्कि ये दुनिया है जो मेरे साथ मतभेद करती है।
28. यदि एक पवित्र मन के साथ कोई व्यक्ति बोलता या काम करता है, तो कभी न जाने वाली परछाई की तरह ख़ुशी उसका पीछा करती है।
29. भूत पहले ही बीत चुका है, भविष्य अभी तक आया नहीं है. तुम्हारे लिए जीने के लिए बस एक ही क्षण है।
30. क्रोध को पाले रखना खुद ज़हर पीकर दूसरे के मरने की अपेक्षा करने के समान है।
31. जो आप सोचते हैं, वो आप बन जाते हैं. जो आप महसूस करते हैं, उसे आओ आकर्षित करते हैं. जिसकी आप कल्पना करते हैं, उसका आप निर्माण करते हैं।
32. ध्यान से ज्ञान प्राप्त होता है; ध्यान की कमी अज्ञानता लाती है. अच्छी तरह जानो क्या तुम्हे आगे ले जाता है और क्या तुम्हे रोके रखता है, और उस मार्ग को चुनो जो बुद्धिमत्ता की और ले जाता हो।
33. हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है, यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती।
34. हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये।
35. एक जग बूँद-बूँद कर के भरता है।
36. अतीत पे ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो।
37. हमें हमारे सिवा कोई और नहीं बचाता. न कोई बचा सकता है और न कोई ऐसा करने का प्रयास करे, हमें खुद ही इस मार्ग पर चलना होगा।
38. चलिए ऊपर उठें और आभारी रहे, क्योंकि अगर हमने बहुत नहीं तो कुछ तो सीखा, और अगर हमने कुछ भी नहीं सीखा, तो कम से कम हम बीमार तो नहीं पड़े, और अगर हम बीमार पड़े तो कम से कम हम मरे नहीं; इसलिए चलिए हम सभी आभारी रहे।
39. शरीर को अच्छी सेहत में रखना हमारा कर्तव्य है…. नहीं तो हम अपना मन मजबूत और स्पष्ठ नहीं रख पायेंगे।
40. जो आप सोचते हैं वो आप बन जाते हैं।
41. जीवन में आपका उद्देश्य अपना उद्देश्य पता करना है और उसमे जी-जान से जुट जाना है।
42. सभी प्राणियों के लिए दया-भाव रखें, चाहे वो अमीर हो या गरीब; सबकी अपनी-पानी पीड़ा है. कुछ बहुत अधिक भुगतते हैं।
43. हर मनुष्य अपनी सेहत या बीमारी का रचयिता है।
44. आकाश में, पूर्व और पश्चिम का कोई भेद नहीं है; लोग अपने विचारों से भेद पैदा करते हैं और फिर उनके सही होने पर यकीन कर लेते हैं।
45. यदि हम स्पष्ट रूप से एक फूल के चमत्कार को देख सकें, तो हमारा पूरा जीवन बदल जाएगा।
46. जो क्रोधित विचारों से मुक्त हैं उन्हें निश्चय ही शांति प्राप्त होगी।
47. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे।
48. जिस क्षण आप सारी सहायता अस्वीकार कर देते हैं आप मुक्त हो जाते हैं।
49. अपना ह्रदय अच्छी चीजें करने में लगाओ. इसे बार-बार करो और तुम प्रसन्नता से भर जाओगे।
50. कष्ट की जड़ आसक्ति है।
51. प्रसन्नता का कोई मार्ग नहीं है: प्रसन्नता ही मार्ग है।
52. यदि आपकी दया आपको सम्मिलित नहीं करती, तो वो अधूरी है।
53. दर्द निश्चित है, दुख वैकल्पिक है।
54. जो जगा है उसके लिए रात लम्बी है; जो थका है उसके लिए दूरी लम्बी है, जो मूर्ख सच्चा धर्म नहीं जानता उसके लिए जीवन लम्बा है।
55. बिना सेहत के जीवन जीवन नहीं है; बस पीड़ा की एक स्थिति है- मौत की छवि है।
56. हर चीज पर सन्देह करो. स्वयं अपना प्रकाश ढूंढो।
57. शक की आदत से भयावह कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करता है. यह एक ऐसा ज़हर है जो मित्रता ख़त्म करता है और अच्छे रिश्तों को तोड़ता है. यह एक काँटा है जो चोटिल करता है, एक तलवार है जो वध करती है।
58. सत्य के मार्ग पे चलते हुए कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है; पूरा रास्ता ना तय करना, और इसकी शुरआत ही ना करना।
59. अगर किसी के विचार गंदे हैं, अगर वह लापरवाह है और धोखे से भरा हुआ है, तो वह पीले वस्त्र कैसे धारण कर सकता है? जो कोई भी अपनी प्रकृति का स्वामी है, उज्ज्वल, स्पष्ट और सत्य है, वह वास्तव में पीले वस्त्र धारण कर सकता है।
60. क्रोध कभी नहीं जाएगा जब तक कि क्रोध के विचारों को मन में रखा जाएगा. जैसे ही क्रोध के विचारों को भुला दिया जाएगा वैसे ही क्रोध गायब हो जाएगा।
61. तुम्हारा शरीर कीमती है. यह हमारे जागृति का साधन है. इसका ध्यान रखो।
62. तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु तुम्हे उतना नुक्सान नहीं पहुंचा सकता जितना कि तुम्हारे खुद के बेपरवाह विचार. लेकिन एक बार काबू कर लिया जाए तो कोई तुम्हारी इतनी मदद भी नहीं कर सकता, तुम्हारे माता-पिता भी नहीं।
63. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है।
64. आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिये. जो दूसरों से ईर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
65. धैर्य महत्त्वपूर्ण है. याद रखिये: एक जग बूँद-बूँद करके भरता है।
66. इस तिहरे सत्य को सभी को सिखाओ: एक उदार दिल, दयालु भाषण, तथा सेवा और करुणा का जीवन, ये वो चीजें हैं जो मानवता को नवीनीकृत करती हैं।
67. किसी चीज पर यकीन मत करो, ये मायने नहीं रखता कि आपने उसे कहाँ पढ़ा है, या किसने उसे कहा है, कोई बात नहीं अगर मैंने ये कहा है, जब तक कि वो आपके अपने तर्क और समझ से मेल नही खाती।
68. एक कुत्ता इसलिए अच्छा नहीं समझा जाता क्योंकि वो अच्छा भौंकता है. एक व्यक्ति इसलिए अच्छा नहीं समझा जाता क्योंकि वो अच्छा बोलता है।
69. जैसे ठोस चट्टान हवा से नहीं हिलती, उसी प्रकार बुद्धिमान व्यक्ति प्रशंसा या आरोपों से विचलित नहीं होता।
70. कुछ भी स्थायी नहीं है।
71. एक क्षण एक दिन बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है और एक जीवन पूरे विश्व को बदल सकता है।
72. इस पूरी दुनिया में इतना अन्धकार नहीं है कि वो एक छोटी सी मोमबत्ती का प्रकाश बुझा सके।
73. यदि आपका मुख सही दिशा की ओर है, तो आपको बस कदम बढ़ाते रहना है।
74. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।
75. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।
76. अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करें. दूसरों पर निर्भर ना रहे।
77. किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं।
78. एक मोमबत्ती से हजारों मोमबत्तियां जलाई जा सकती हैं, और उस मोमबत्ती का जीवन घटेगा नहीं. ख़ुशी कभी भी बांटने से घटती नहीं है।
79. ख़ुशी उन तक कभी नहीं आएगी जो उसकी सराहना नहीं करते जो उनके पास पहले से मौजूद है।
80. शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत खोजो।
81. आप चाहे जितने पवित्र शब्द पढ़ लें, चाहे जितने बोल लें, वे आपका क्या भला करेंगे यदि आप उन पर कार्य नहीं करते हैं।
82. अगर आप किसी और के लिए दीपक जलाएंगे, तो वो आपका भी मार्ग प्रकाशित करेगा।
83. सारे गलत काम मन की वजह से होते हैं. यदि मन को बदल दिया जाए तो क्या गलत काम रह सकते हैं।
84. अनुशासनहीन मन से अधिक उद्दंड और कुछ नहीं है, और अनुशासित मन से अधिक आज्ञाकारी और कुछ नहीं है।
85. अंत में ये चीजें सबसे अधिक मायने रखती हैं: आपने कितने अच्छे से प्रेम किया? आपने कितनी पूर्णता के साथ जीवन जिया? आपने कितनी गहराई से अपनी कुंठाओं को जाने दिया।
86. अगर आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते।
87. शांति अन्दर से आती है. इसे बाहर मत ढूंढो।
88. अपने अहंकार को एक ढीले-ढाले कपड़े की तरह पहनें।
89. मन और शरीर दोनों के लिए सेहत का रहस्य है कि जो बीत गया उस पर दुःख ना करें, भविष्य की चिंता ना करें, और ना ही किसी खतरे की आशा करें, बल्कि मौजूदा क्षण में बुद्धिमानी और ईमानदारी से जियें।
90. यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें? यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करना आपको कोई फायदा नहीं पहुंचाएगा।
91. पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है, कोई भी दूसरे को पवित्र नहीं कर सकता।
92. सच्चा प्रेम समझ से उत्पन्न होता है।
93. स्वयं पर विजय प्राप्त करना दूसरों पर विजय प्राप्त करने से बड़ा काम है।
94. चन्द्रमा की तरह, बादलों के पीछे से निकलो! चमको।
95. एक तेज धार चाकू की तरह जीभ…. बिना खून बहाए मार देती है।
96. झूठ बोलने से बचना अनिवार्य रूप से पथ्य है।
97. बुराई होनी चाहिए ताकि अच्छाई उसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सके।
98. ख़ुशी अपने पास बहुत अधिक होने के बारे में नहीं है. ख़ुशी बहुत अधिक देने के बारे में है।
99. मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थय का रहस्य है- अतीत पर शोक मत करो, ना ही भविष्य की चिंता करो, बल्कि बुद्धिमानी और ईमानदारी से वर्तमान में जियो।
100. अगर देने की ताकत के बारे में आप भी वो जानते जो मैं जानता हूँ तो आप एक बार का भी भोजन किसी तरह से साझा किये बिना नहीं जाने देते।
101. पानी से सीखो: नदी शोर मचाती है लेकिन महासागरों की गहराई शांत रहती है।