विधायक या MLA क्या होता है ?-
देश की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलाने के लिए लिए हमारे देश में त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू हैं जिसमे से सबसे बड़ी केंद्र सरकार होती है जो पूरे देश की बागडोर संभालती है और उसके बाद नंबर आता है राज्य सरकार का जिसकी जिम्मेदारी पूरे राज्य की प्रशासन को संभालने की होती है और आखिर में नंबर आता है स्थानीय प्रशासन जैसे ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम इनकी जिम्मेदारी अपने क्षेत्र की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलाने की होती है। तीनों सेवाये अलग-अलग तरीके से अपना काम करती हैं लेकीन सबका चुनाव जनता के द्वारा अवश्य किया जाता जिसका समय 5 साल होती है पाँच साल बाद पुनः चुनाव होते और जनता अपने मत पदाधिकारियों का चुनाव करती है।
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विधायक या एमएलए राज्य प्रशासन के अंतर्गत आते हैं और इनका भी चुनाव 5 वर्ष की अवधि के दौरान होता है। विधायक को एमएलए के नाम से भी जाना जाता है MLA का पूरा नाम Member of Legislative Assembly होता है जिसको विधान सभा सदस्य के नाम से भी जाना जाता है। केंद्र सरकार में जिस प्रकार दो प्रकार के सदन होते है निम्न सदन और उच्च सदन, लोकसभा को निम्न सदन के नाम से जाना जाता है और राज्य सभा को उच्च सदन के नाम से जाना जाता है।
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लोकसभा को निम्न सदन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके सभी सदस्यों का चुनाव एक साथ पाँच वर्ष कई अवधि में होता है और लोक सभा हर चुनाव के बाद फिर से गठित होती है लेकीन राज्य सभा कभी भी भंग नहीं होती है बल्कि राज्य सभा के एक तिहाई सदस्यों का चुनाव हर दो साल में होता है और इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष के लिए होता है इसीलिए इसे उच्च सदन के नाम से जाना जाता है।
इसी प्रकार राज्य में दो सदन होते है एक विधान सभा और दूसरा विधान परिषद, इन सभा के सदस्यों को विधायक के नाम से जाना जाता है और विधान सभा के विधायक मुख्यमंत्री का चुनाव करते हैं। विधायक चुनाव किसी पार्टी से लड़ता है यदि कोई व्यक्ति विधायक का चुनाव बिना किसी पार्टी के लड़ता है तो उसे निर्दलीय उम्मीदवार माना जाता है।
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किसी भी विधानसभा क्षेत्र से कितने भी उम्मीदवार विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं जिस उमीदवार को सबसे अधिक मत प्राप्त होते है वो उस विधान सभा क्षेत्र का विधायक अगले पाँच वर्ष के लिए निर्वाचित हो जाता है। विधायक बनने के कुछ योग्यताओं कई भी जरूरत होती है जैसे वह व्यक्ति भारत देश का नागरिक होना चाहिये। उम्मीदवार कई उम्र कम से कम 25 वर्ष जरूर होनी चाहिये। विधायक पद का उम्मीदवार पागल या दिवालिया नहीं होना चाहिये। उम्मीदवार किसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता अवश्य होना चाहिये।
किसी व्यक्ति को विधायक इसलिए चुना जाता है ताकि वो अपने विधानसभा क्षेत्र का विकास करे और आम जनमानस के कल्याण के लिए कार्य करे। आम जनता कई बात को विधायक राज्य सरकार के पास लेकर जा सके और जो उसे पैसे आवंटित किये जाते हैं उनके द्वारा अपने विधान सभा क्षेत्र का विकास करे। यदि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी का होता है तो उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त हो सकता है यदि वह विधायक विपक्षी दल का होता है तो उसे विधान सभा में विपक्षी दल का नेता भी बनाया जा सकता है। विधायक कई सारी भूमिकाओ को अदा कर सकता है यदि कोई कानून राज्य सरकार लाती है तो विधायक उसका समर्थन कर सकता है यदि उसे यह लगता है यह कानून जनता के हिट में नहीं है तो वह उस कानून का विरोध भी कर सकता है।
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विधायक बनने के बाद उसे हर महीने वेतन भी मिलता है। हर राज्य में विधायकों का वेतन अलग-अलग होता है भारत में सबसे अधिक वेतन तेलंगाना राज्य में मिलता है जहां पर हर विधायक हर महीने 2.5 लाख रुपये वेतन के रूप में प्राप्त होते है और सबसे कम वेतन त्रिपुरा राज्य में मिलता है जहां पर हर विधायक को हर महीने में 25 हजार रूपये वेतन के रूप में प्राप्त होते हैं।
इसके अतिरिक्त विधायक निधि में हर साल एक करोड़ से लेकर चार करोड़ दिए जाते हैं और इसी निधि से विधायकों को वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त विधायकों को और सारी सुविधाएं मिलती हैं जैसे उनके रहने के लिए सरकारी आवास, ट्रेन मे प्रथम श्रेणी में मुफ़्त यात्रा फ्री टेलीफोन और फ्री बिजली का बिल और हवाई जहाज में कुछ यात्राएं भी मुफ़्त में मिलती हैं। यदि कोई विधायक एक पंचवर्षीय पूरा करने के बाद यदि अगला चुनाव में पराजित हो जाता है तो उसे हर महीने पेंशन के रूप में तकरीबन 30 हजार रूपये मिलते हैं।
विधायकों की राज्यवार सैलरी-
State Name Total No. of MLA’s MLA Salary* Per Month Telangana (TS) 119 Rs. 2,50,000 Delhi 70 Rs. 2,10,000 Madhya Pradesh (MP) 230 Rs. 2,10,000 Arunachal Pradesh 60 Rs. 25,000 Assam 126 Rs. 60,000 Bihar 243 Rs. 1,65,000 Andhra Pradesh (AP) 175 Rs. 1,25,000 Chhattisgarh 90 Rs. 1,35,000 Goa 40 Rs. 1,00,000 Gujarat 182 Rs. 127,000 Haryana 90 Rs. 1,15,000 Himachal Pradesh 68 Rs. 1,25,000 Jammu & Kashmir 87 Rs. 1,60,000 Jharkhand 81 Rs. 1,51,000 Karnataka 224 Rs. 63,500 Kerala 140 Rs. 43,750 Maharashtra 288 Rs. 1,60,000 Manipur 60 Rs. 1,12,500 Meghalaya 60 Rs. 27,750 Mizoram 40 Rs. 65,000 Nagaland 60 Rs. 35,000 Odisha 147 Rs. 35,000 Punjab 117 Rs. 1,10,000 Rajasthan 200 Rs. 55,000 Sikkim 32 Rs. 52,000 Tamil Nadu 234 Rs. 1,13,000 West Bengal 294 Rs. 52,000 Tripura 60 Rs. 25,890 Uttarakhand 70 Rs. 35,000 Uttar Pradesh (UP) 403 Rs. 1,87,000 Puducherry 30 Rs.1,05,000 |