Karwa Chauth 2022 :इन गावों में नहीं मनाया जाता है करवाचौथ का त्योहार-
दोस्तों हमारे देश में करवाचौथ के त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, इस त्योहार को पति-पत्नि के बीच के प्रेम की निशानी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पत्नियाँ अपनी पति की लंबी उम्र के व्रत रखती हैं और फिर रात में चाँद दिखने का इंतजार करती हैं फिर जब चाँद निकल आता है तब उसकी पूजा करके अपने पतिदेव की भी पूजा करती हैं और फिर अपने व्रत को खत्म करती हैं। दोस्तों हरियाणा राज्य में करनाल जिले में औगंद, गोंदर व कतलाहेड़ी गाँव में राजपूत समाज की महिलायें इस त्योहार को नहीं मनाती है, दरअसल इसके पीछे एक श्राप को माना जाता है जिसके चलते इसे नहीं मनाया जाता है।
यह भी देखें- Karwa Chauth in 2022: इस करवा चौथ के शुभ अवसर पर अपने प्रिय को इन संदेशों के माध्यम से दीजिये बधाई
गाँव वालों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक आज के करीब 600 साल पूर्व रहड़ा गाँव की एक लड़की का विवाह गोंदर के एक व्यक्ति से हो जाता है। एक बार वो महिला अपने मायके जाती है और मायके में करवा चौथ की एक रात पूर्व उसे रात में सपना आता है वो सपने में देखती है किसी ने उसके पति को मौत के घाट उतार दिया है और उसके शव को बाजरे के खेत में छिपा देते हैं। सुबह होते ही उसने ये बात अपने परिवार वालों को बताई तो परिवार वाले उसके महिला के ससुराल में गए लेकीन उसका पति वहाँ पर मौजूद नहीं था बड़ी खोजबीन करने के बाद उन्होंने देखा की उसका पति मरा हुआ पड़ा था।
यह भी देखें- Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के दिन भूलकर भी ना करें ये काम
माना जाता है उस महिला ने उस दिन भी करवाचौथ का व्रत रखा था, लेकीन उसने अपने करवा को घर की दूसरी महिलाओं को देने के प्रयास किया लेकीन सारी महिलाओं ने इसे लेने से इनकार कर दिया। इस घटना से वो महिला बहुत दुखी हुई और वो करवा के साथ खुद जमीन के अंदर चली गई और उसने यह श्राप दिया कि इस गाँव में जो भी औरत करवा चौथ का व्रत रखेगी उसका पति जीवित नहीं रहेगा, तभी से उस गाँव की सभी औरतो ने करवा चौथ का व्रत रखना बंद कर दिया जो आज तक जारी हैं।