Krishna Janamstmi 2022: कब है कृष्ण जन्माष्टमी और कब है शुभ मुहूर्त-
दोस्तों कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हमारे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन माता देवकी और पिता वासुदेव के पुत्र भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रप्रद महीने की अष्टमी तिथि को हुआ था। कृष्ण जन्माष्टमी का इंतजार हमलोग साल भर करते हैं छोटे से लेकर बड़ों तक इस त्योहार में खूब मनोरंजन करते हैं और मंदिरों में इसे बड़े उत्सव के रूप में मनाते हैं।
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हमारे हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी और देवता मौजूद है, सभी देवी और देवताओं की अपनी अलग ही महिमा होती है, हर किसी का जाप करने से हमें विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्री कृष्ण हो हम सभी लोग जानते हैं, भगवान विष्णु जी ने द्वापर युग में अधर्म का नाश करने के लिए और धर्म की स्थापना करने के लिए श्री कृष्ण के रूप में इस धरती पर जन्म लिया था। भगवान श्री कृष्ण ने सर्वप्रथम अपने मामा यानि कंस का वध करके धर्म की स्थापना की ओर कदम बढ़ाया था।
महाभारत को कौन भूल सकता है, जिसमें श्री कृष्ण ने पांडवों के द्वारा अधर्मी कौरवों का नाश करके धर्म की स्थापना की थी, वैसे तो श्री कृष्ण ने कई बार अधर्म का नाश किया था लेकिन महाभारत के दौरान अर्जुन को दिया गया गीता का ज्ञान आज भी बेहद लोकप्रिय है, गीता में भगवान श्री कृष्ण में अर्जुन के सभी प्रश्नों का उत्तर दिया था और उन्हे समझाया था कि आत्मा की मौत कभी भी नहीं होती है वो अजर और अमर केवल शरीर की मौत होती है। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करने से व्यक्ति को असीम फल की प्राप्ति होती है, जो व्यक्ति श्री कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है उसकी सारी बाधायें दूर हो जाती हैं और उसे संसार के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।
भगवान श्री कृष्ण को विष्णु जी का आठवा अवतार कहा जाता है क्योंकि दुराचारी मथुरा नरेश कंस का वध करने के लिए भगवान विष्णु जी ने द्वापर युग में अवतार लिया था। श्री कृष्ण जी का जन्म माता देवकी के गर्भ से कंस की जेल में हुआ था और यह माता देवकी की आठवी संतान थी। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त 2022 को गुरुवार के दिन होने वाला है, कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को रात के 12 बजे के बाद श्री कृष्ण के जन्म के बाद समापन किया जाता है, रात में 12 बजे श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और मंगल भजन और आरती गायी जाती है।
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कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत का अनुस्थान पूरे दिन किया जाता है और रात में श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है। साल 2022 में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात में 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट यानि कुछ 44 मिनट तक रहने वाला है। वैसे तो इस व्रत को रात में पूजा करने के बाद समाप्त कर दिया जाता है लेकिन कुछ स्थानों पर अगले दिन सुबह पारण किया जाता है, इसलिए साल 2022 में पारण का समय 19 अगस्त की रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के बाद का रहने वाला है।