Navratri 2021: माता दुर्गा जी धारण करती हैं ये शस्त्र, जानते हैं क्या है इनका महत्व-
देवी माता के पावन 9 दिन का पर्व नवरात्र के नाम से जाना जाता है, शारदीय नवरात्रि इस बार आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 7 अक्टूबर 2021 से शुरूहोकर 14 अक्टूबर तक चलने वाले हैं। माता के नवरात्रि के दौरान माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है, नवरात्रि के बाद 15 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा और इसी दिन माता दुर्गा जी का विसर्जन भी किया जाता है। शास्त्रों में माता दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की महिमा कही गई है, माता के हर रूप की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
माता दुर्गा जी के दस हाथ होते हैं और यह अपने भक्तों की सुरक्षा करने के लिए होते है, आज हम आपको माता दुर्गा जी के पास मौजूद सभी शस्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं और उनके पीछे छुपे हुए अर्थ को भी आज हम लोग जानने वाले हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
1.त्रिशूल- माता दुर्गा जी का त्रिशूल एक प्रमुख शस्त्र है, त्रिशूल को भगवान शंकर जी ने माता को भेंट किया था। त्रिशूल में तीन तरह के नुकीले धार होते हैं जो इसके तीन गुणों तमस, राजस और सत्व का प्रतीक माने जाते हैं।
2.सुदर्शन चक्र- माता दुर्गा जी के हाथ में सुदर्शन चक्र मौजूद होता है, जिसको भगवान विष्णु जी ने माता को भेंट किया था। माता के पास सुदर्शन चक्र होने का मतलब यह है कि सारी दुनिया माता द्वारा ही चल रही है और सारा ब्रह्मांड माता के अनुसार ही चल रहा है।
3.कमल- माता दुर्गा जी के हाथों में कमल सुशोभित होता रहता है, कमल को भगवान ब्रह्म जी का प्रतीक कहा जाता है, जो ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। आधा खिला हुआ कमल अंधेरे मन में आध्यात्मिक चेतना के उदय का प्रतीक माना जाता है।
4.धनुष और बाण- माता दुर्गा जी के हाथ में धनुष और बाण सुशोभित होते रहते हैं, धनुष और बाण पवन देव और सूर्यदेव द्वारा प्राप्त हुए थे। धनुष संभावित ऊर्जा को दिखाता है और बाण गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, इसका अर्थ यह होता है कि माता दुर्गा पूरे ब्रह्मांड मे ऊर्जा के सभी स्त्रोत को नियंत्रित करने का काम करती हैं।
5.तलवार- माता दुर्गा जी के पास में शस्त्र के रूप में तलवार भी मौजूद है, तलवार को भगवान गणेश जी द्वारा दिया गया था। तलवार ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक मानी जाती है, तलवार बुद्धि को धारदार करने का प्रतीक होती है और तलवार की चमक ज्ञान का प्रतीक होती है।
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6.वज्र- माता दुर्गा जी के हाथ में इंद्रदेव जी का दिया हुआ उपहार वज्र मौजूद है, वज्र आत्मा की दृढ़ता, मजबूत संकल्प शक्ति का प्रतीक माना जाता है। माता दुर्गा अपने भक्तों को अदम्य आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के साथ सशक्त बनाने में मदद करती हैं।
7.भाला- माता दुर्गा जी के हाथ में मौजूद भाला शुभता का प्रतीक माना जाता है, भाला को अग्नि देव द्वारा माता दुर्गा को भेंट किया गया था। भाला उग्र शक्ति का प्रतीक होता है और क्या गलत है और क्या सही है इसके अनुसारे कार्य करने में अंतर पैदा करता है।
8.सांप- सांप भोलेनाथ का प्रतीक होता है, और यह ऊर्जा और चेतना का प्रतीक होता है, सांप नई चीजों का अनुभव करने का आग्रह करता है। सांप चेतना की निचली अवस्था से उच्च अवस्था में परिवर्तन का भी यह प्रतिनिधित्व करता है।
9.कुल्हाड़ी- माता दुर्गा जी के हाथ में कुल्हाड़ी मौजूद है जिसको भगवान विश्वकर्मा जी द्वारा प्रदान किया गया था। कुल्हाड़ी बुराई से लड़ते हुए किसी प्रकार के भय ना करने का प्रतीक होती है।