दोस्तों चाणक्य नीति के अनुसार अगर व्यक्ति अपने मन पर काबू पा ले तो वह कुछ भी कर सकता है। कहने का अर्थ है कि व्यक्ति का मन बहुत ही चंचल होता है जो कि उसको उसके कर्तव्य पथ से भटका sakta है। ऐसी स्थिति में अगर व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति पर नियंत्रण करके सोच समझकर निर्णय करने की आदत डाल लेता है तो वह जीवन में बहुत सफल होता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को मन साध कर एक बड़ा तपस्वी बनना चाहिए। या फिर यूं कहें अगर व्यक्ति अपने मन को साध/शांत कर निर्णय लेता है तो वह एक बड़ा तपस्वी बन सकता है। इससे वह अपने अंदर के काम क्रोध और लोभ को दूर करके इन से मुक्त भी हो सकता है और अपने बुद्धिमानी से लिए गए निर्णय से अपने जीवन में सफल हो सकता है।