गुरु नानक जी के अनमोल विचार
1. तु अगर मुझे नवाजे तो तेरा करम है मेरे मालिक, वरना तेरी रहमतों के काबिल मेरी बंदगी नहीं।
2. मेरा जन्म नहीं हुआ है; भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकती है.
3. कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है, रब सिर्फ लकीरे देता है रंग हमको भरना पड़ता है।
4. दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।
5. प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।
6. कभी भी, किसी का हक, नहीं छीनना चाहिए।
7.उसकी चमक से सबकुछ प्रकाशमान है।
8. हमेशा एक ईश्वर की उपासना करो।
9. तेरी हजारों आँखें हैं और फिर भी एक आंख भी नहीं, तेरे हज़ारों रूप हैं फिर भी एक रूप भी नहीं।
10. कोई उसे तर्क द्वारा नहीं समझ सकता, भले वो युगों तक तर्क करता रहे।
11. धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।
12. सांसारिक प्यार को जला दे, अपनी राख को घिसे और उसकी स्याही बनाये, अपने दिल को कलम (पेन) बनाये, अपनी बुद्धि को लेखक बनाये, और वह लिखे जिसका कोई अंत ना हो और जिसकी कोई सीमा न हो।
13. दूब की तरह छोटे बनकर रहो ! जब घास-पात जल जाते है तब भी दूब जस की तस रहती है।
14. ना मैं एक बच्चा हूँ , ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ.
15. बंधुओं ! हम मौत को बुरा नहीं कहते, यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है।
16. भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं। वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है।
17. ये दुनिया एक नाटक है जिसे सपनो में प्रस्तुत करना होता है।
18. तुम्हारी दया ही मेरा सामाजिक दर्जा (ओहदा) है
19. जिसे खुद पर विश्वास नही है वह कभी भगवान पर विश्वास कर ही नही सकता।
20. शांति से अपने ही घर में खुद का विचार करे तब आपको मृत्यु का दूत छु भी नही पायेगा।