वक़्त नूर को बेनूर कर देता है

वक़्त नूर को बेनूर कर देता है

वक़्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना,
पर वक़्त सबको मजबूर कर देता है।

 

Waqt Noor Ko Benoor Kar Deta Hai,
Chhote se Zakhm Ko Nasoor Kar Deta Hai,
Kaun Chahta Hai Apno Se Dur Rehna,
Par Waqt Sabko Majboor Kar Deta Hai.