डीआरडीओ ने किया टैंक गाइडेड मिसाइल 'NAG’ का आखिरी परीक्षण-
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के मद्देनजर भारत अपनी ताकत बढ़ाने में पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है, दोनों देशों के बीच में तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका है। विशेषज्ञों की माने तो भारत और चीन ने बीच में कभी भी युद्ध शुरू हो सकता है। चीन अपने सबसे मजबूत दोस्त पाकिस्तान के साथ भारत पर आक्रमण करने की तैयारी में बैठा है दोनों देश एक साथ मिलकर भारत को दो तरफ से चुनौती देने के तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच भारत भी अपनी सैन्य क्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी कर रहा है, भारत ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' का सफलता पूर्वक परीक्षण किया है, भारत ने यह परीक्षण करके अपनी शक्ति मे और अधिक इजाफा कर लिया है।
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डीआरडीओ ने नाग मिसाइल का आखिरी और सफल परीक्षण आज यानि गुरुवार को प्रातः 6 बजकर 45 मिनट पर किया है। नाग मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा ही निर्मित किया गया है और इस मिसाइल की मारक क्षमता 4 किलोमीटर की है लेकीन इसे यदि हेलिकॉप्टर से फायर किया जाता है तो इसकी मारक क्षमता 5 किलोमीटर की हो जाती है। नाग पूर्ण रूप से देश में विकसित की गई मिसाईल है इस सफल परीक्षण के बाद अब से भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा जैसे ही नाग मिसाइल सेना का हिस्सा बनती है वैसे ही सेना की क्षमता में और अधिक इजाफा हो जाएगा।
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भारत ने नाग मिसाइल को साल 1990 में निर्माण शुरू किया था और यह भारत की तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है। नाग मिसाइल किसी भी परिस्थियों में अपने लक्ष्य को ध्वस्त करने की क्षमता है और यह मिसाइल अपने अचूक निशाने के लिए प्रसिद्ध है नाग मिसाइल को 'दागों और भूल जाओ' पर काम करती है यानि यह मिसाइल इतना सटीक वार करती है इसे दोबारा सोचने की जरूरत भी नहीं होती है।
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'नाग' मिसाइल की खसियतें-
नाग मिसाइल की मारक क्षमता 4 से 5 किलोमीटर के बीच में है, नाग मिसाईल 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार कर सकती है। नाग मिसाइल का कुल भार 42 किलोग्राम का है। यदि नाग मिसाईल को एक बार दाग दिया जाता है तो इसको रोक पान नामुमकिन है। नाग मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे 10 वर्षों तक बिना किसी रकरखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। नाग मिसाइल 'दागों और भूल जाओ' के सिद्धांत पर कार्य करती है और इस मिसाइल को दागने में किसी प्रकार का धुआ भी नहीं होता है यानि दुश्मन को इसकी कानों-कान खबर नहीं होती है।