भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य
देश के नागरिकों की देशभक्ति की भावना को कायम रखने के लिए साल 1976 में सरकार द्वारा गठित स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर देश के संविधान मे मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया था। यह संसोधन संविधान में 42 वां संसोधन था। साल 2000 से पहले देश में मूल कर्तव्यों की संख्या 10 थी लेकीन साल 2000 मे 86वें संविधान संसोधन के द्वारा इनकी संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई। भारत देश में मूल कर्तव्य सोवियत संघ से लिए गए हैं आज के समय में मूल कर्तव्यों को संविधान के भाग चार(क) में अनुच्छेद 51 के अंतर्गत रखा गया है।