Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार इन परिस्थियों में व्यक्ति को भाग जाना ही होगा बेहतर, वरना पड़ जायेंगे मुश्किल में

Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार इन परिस्थियों में व्यक्ति को भाग जाना ही होगा बेहतर, वरना पड़ जायेंगे मुश्किल में

Chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार इन परिस्थियों में व्यक्ति को भाग जाना ही होगा बेहतर, वरना पड़ जायेंगे मुश्किल में-

दोस्तों आचार्य चाणक्य के बारे में हम सभी लोग जानते हैं, आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कई सारी बातें बताई हैं जो आज के समय में बिल्कुल सही होती हैं। आचार्य चाणक्य ने राजा चन्द्रगुप्त के दरबार में रहते हुए अपने शत्रु घनानन्द का सम्पूर्ण नाश कर दिया था, आचार्य चाणक्य बहुत बड़े विद्वान होने के साथ-साथ एक कुशल शिक्षक भी थे। आचार्य चाणक्य को अच्छी और बुरी चीजों के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान था, चाणक्य द्वारा लिखित 'चाणक्य नीति को आज से करीब 2300 साल पहले लिखा गया है, इन नीति में लिखी गई हर एक बात आज भी एकदम सही बैठती है और ये बातें 2300 साल पहले भी सही होती थी।

 

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में हर चीज के बारे में एक अनोखी बातें बताईं हैं, चाणक्य नीति का पालन करने वाला व्यक्ति के जीवन में कभी  भी दुख नहीं आता है और उसे किसी से धोखा नहीं मिलता है।आचार्य चाणक्य के ऐसी परिस्थितियों के बारे में जानकारी दी है जहां पर व्यक्ति को भाग जाना ही अच्छा होता है, आज हम आपको ऐसी ही परिस्थितियों के बारे में  बताने जा रहे हैं जहां पर आपको भाग जाना चाहिये बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

यह भी देखें-chanakya niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार सफल होने के बाद भी ध्यान रखें ये बातें, वरना ज्यादा दिन नहीं टिकेगी सफलता

1.शत्रु या फिर विदेशी आक्रमण होने पर-
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब आपका शत्रु आपसे अधिक ताकतवर हो और उससे जीत पाना असंभव हो तो ऐसी स्थिति में वहाँ से भाग जाना ही उचित होता है। वैसे तो युद्ध को देखकर मुहँ छिपाकर भागना उचित नहीं होता है लेकिन यदि आपके साथ शक्तिशाली शत्रु या फिर विदेशी आक्रमण होता अहै और आप उस लड़ाई को जीतने में सक्षम ना हो तो उस स्थान से भाग जाना ही बेहतर होता है। 

 

2.दुष्ट व्यक्ति होने पर-
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस स्थान पर दुष्ट व्यक्तियों का निवास होता है उस स्थान को तुरंत त्याग देना चाहिये, क्योंकि दुष्ट व्यक्ति हमेशा आपके अशुभ सोचता है, इसलिए हमें कभी भी दुष्ट व्यक्ति के साथ नहीं रहना चाहिये और दुष्ट व्यक्ति होने पर आपको उस स्थान का त्याग कर देना चाहिये। 

यह भी देखें-इन तीन तरह के लोगों की भूलकर के भी ना करने मदद, वरना शुरू हो सकता है बुरा समय

3.अकाल की स्थिति आने पर-
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस स्थान पर अकाल की स्थिति पैदा हो जाती हैं वहाँ से व्यक्ति का भाग जाना ही उचित होता है। जिस स्थान पर अकाल आता है वहाँ पर बने रहने से आपके प्राणों पर भी संकट या सकता है, इसलिए आपको अपने प्राण बचाने के लिए उस स्थान को छोड़ देना चाहिये या फिर जल्द से जल्द वहाँ से पलायन कर लेना चाहिये।