दोस्तों हमें भी कभी भी दूसरे के काम को छोटा नहीं समझना चाहिये, बेशक आपका काम बड़ा है लेकीन किसी दूसरे के काम को छोटा समझना उचित नहीं होता है हम दूसरों को केवल बाहरी तरफ से जानते हैं और उस काम को करने में होनी परेशानियों के बारे में हमें जानकारी नहीं होती है इसलिए किसी दूसरे के काम को कभी छोटा नहीं समझना चाहिये।
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,
मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,
Sangmarmar Ke Mahal Mein Teri Tasveer Sajauga,
Mere Iss Dil Mein Aye Sanam Tere Khwab Sajaunga,
Do Baatein Unse Ki To Dil Ka Dard Kho Gaya,
Logon Ne Humse Puchha Ki Tumhe Kya Ho Gaya,
दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया,
लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया,