आरती माता स्कंदमाता जी की
आरती माता स्कंदमाता जी की,Maa Skandamata Aarti
आरती माता ब्रह्मचारिणी जी की,aarti maata brahmacharini ji ki
दोस्तों हमारे हिन्दू धर्म में माता दुर्गा का विशेष स्थान है, रोजाना माता दुर्गा जी आराधना करने से हमें कई सारे फायदे होते हैं। चैत्र नवरात्रि और आश्विन नवरात्र माता दुर्गा जो समर्पित होते हैं इस दौरान माता की पूजा करने से हर मनोकामना की पूर्ति होती है। नवरात्र में माता के सभी रूपों की पूजा की जाती है और चारों ओर का माहौल त्योहारों के जैसा होता है, जगह-जगह माता की मूर्तियों को स्थापना की जाती है और जागरण आदि किये जाते हैं।
इस वर्ष का अक्टूबर महिना त्योहारों से भरा होने वाला है, इस महीने 03 अक्टूबर दिन सोमवार को दुर्गाष्टमी व्रत और 4 अक्टूबर मंगलवार को दुर्गानवमी व्रत पड़ रहा है। वहीं नवरात्रि 9 दिनों के बाद दसवें दिन 5 अक्टूबर बुधवार को दशहरा का पर्व पड़ रहा है और साल का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भी इसी महीने की 24 तारीख हो पड़ने वाला है। आज हम आपको अक्टूबर महीने में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
नवरात्रि के दिनों में माता के नौ रूपो को पूजा और आराधना की जाती है, और इस दौरान लोग एक दूसरे को बधाई संदेश भेजकर शुभकामनायें भेजते रहते हैं। आप भी अपने प्रियजनों को बधाई संदेश भेजकर माता का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आज हम आपके लिए कुछ नवरात्रि स्पेशल संदेश लेकर आए हैं जिनके जरिए आप अपने प्रिय जनों को नवरात्रि की शुभकामनयें भेज सकते हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
साल 2022 के दशहरे का त्योहार 5 अक्टूबर 2022 को होने वाला है, जिसका शुभ मुहूर्त 2 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 54 मिनट तक चलने वाला है, इस बार दशहरा का शुभ मुहूर्त केवल 47 मिनट का ही होने वाला है। दोपहर के दौरान पूजा का समय 1 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 41 मिनट चलने वाला है, इसलिए इस समय पूजा करना सबसे शुभ होने वाला है।
नवरात्रि हिन्दू धर्म का पवित्र त्योहार होता है यह त्योहार माता दुर्गा जी को समर्पित होता है जो नौ दिनों तक चलता है, इस दौरान माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है। बहुत सारे लोग माता को प्रसन्न करने के व्रत रखते हैं और अपने घर में माता की चौकी की स्थापना करते हैं और नियमित रूप से सुबह और शाम माता की पूजा करते हैं। आज हम आपके लिए माता जी कुछ आरती और मंत्रों को लेकर आये हैं जिनके द्वारा माता जी पूजा जरूर करनी चाहिए, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलती है. पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि का प्रांरभ 26 सितंबर 2022 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट से होगा. वहीं प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 27 सितंबर, 2022 को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर होगा. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक है. इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
रक्षा बंधन के दिन बहने अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधती हैं और ईश्वर से भाई की लंबी उम्र की कामना करती है, इसके साथ भाई भी अपनी बहनों को हमेशा खुश रखने और उन्हे मुसीबतों से बचाने का वादा करते हैं, इसके अलावा बहने इस दिन भाइयों को मिठाई खिलाती हैं और भाई अपनी बहनों को रुपये या उपहार देते हैं।
On the day of Raksha Bandhan, sisters tie rakhi on the wrists of their brothers and pray to God for the long life of the brother, along with this, brothers also promise to keep their sisters happy and save them from troubles, apart from this, sisters on this day Sweets are fed to brothers and brothers give money or gifts to their sisters.
रक्षा बंधन के दिन बहने अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधती हैं और ईश्वर से भाई की लंबी उम्र की कामना करती है, इसके साथ भाई भी अपनी बहनों को हमेशा खुश रखने और उन्हे मुसीबतों से बचाने का वादा करते हैं, इसके अलावा बहने इस दिन भाइयों को मिठाई खिलाती हैं और भाई अपनी बहनों को रुपये या उपहार देते हैं।
सावन के महीने में कई सारे त्योहार होते हैं लेकिन उनमें से नागपंचमी का त्योहार प्रमुख त्योहार होता है, नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास (सावन महीने) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, इस दौरान देश में नाग देवता की पूजा की जाती है और नाग देवता को दूध पिलाया जाता है, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ आप पर प्रसन्न रहते हैं और आपकी मनोकामना पूरी कर देते हैं। नाग पंचमी में नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष दूर होता है।
हमारे हिन्दू धर्म में गुरु का विशेष दर्जा है, गुरु को भगवान से ऊपर का पद दिया गया है, गुरु हमें ज्ञान देते हैं और जीवन के सच्चाईयों के बारे में बताते हैं। मान्यताओं के माने तो गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जन्म हुआ था, आज हम आपके लिए गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर कुछ बधाई संदेश लेकर आये हैं जिनके द्वारा आप अपने मित्रों और रिश्तेदारों को गुरु पूर्णिमा की बधाई दे सकते हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
इस वर्ष सावन के पवित्र महीने की शुरुआत 14 जुलाई 2022 से होने जा रही है, इस बार सावन के महीने में चार सोमवार पड़ने वाले हैं, जिनमे से पहला सोमवर 18 जुलाई 2022 को और सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त 2022 को पड़ने जा रहा है। आज हम आपको सावन 2022 में पड़ने वाले त्योहारो के बारे में बताने जा रहे हैं और जानेंगे कि इस बार कब नाग पंचमी, तीज और रक्षाबंधन का त्योहार होने वाला है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं, वैसे तो हर वर्ष 24 बार एकादशी तिथि होती हैं लेकिन देवशयनी एकादशी तिथि का अपना विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु जी चार महीने के लिए योग निद्रा पर सोने के लिए चले जाते हैं, जिसके कारण इन चार महीनों में शादी विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। भगवान विष्णु जी चार महीनों के बाद कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसको हम लोग देवप्रबोधनी एकादशी और देवउठनी एकादशी के नाम से लोग जानते हैं इसी दिन पुनः योग निद्रा से उठ जाते हैं।
इस वर्ष सावन के पवित्र महीने की शुरुआत 14 जुलाई 2022 से होने जा रही है, इस बार सावन के महीने में चार सोमवार पड़ने वाले हैं, जिनमे से पहला सोमवर 18 जुलाई 2022 को और सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त 2022 को पड़ने जा रहा है।
भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नव निधियों का वरदान माता सीता जी के द्वारा प्राप्त हुआ था, नौ निधियों को प्राप्त करने के बाद किसी भी प्रकार के धन और संपत्ति की कमी नहीं रहती है, हनुमान जी के पास आठ सिद्धियाँ भी मौजूद हैं जिनके द्वारा वीर हनुमान किसी भी रूप को धारण कर सकते हैं, आज हम आपको हनुमान जी के पास मौजूद अष्ट सिद्धियों और नव निधियों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।