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Maha Shivratri 2022: इस महाशिवरात्रि अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का करे जाप, आपकी हर मनोकामना होगी पूरी
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Maha Shivratri 2022: इस महाशिवरात्रि अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का करे जाप, आपकी हर मनोकामना होगी पूरी

भोलेनाथ की आराधना के लिए मंत्रों का जाप करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इससे भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सारे कष्टों को दूर कर देते हैं। आज हम आपको राशि के अनुसार शिव मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जाप करने से आपके कष्ट जल्द दूर जायेंगे और आपको भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होगा, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि के दिन जरूर करें शिवलिंग का पूजन, जानते हैं क्या है शिव पूजन का महत्व
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Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि के दिन जरूर करें शिवलिंग का पूजन, जानते हैं क्या है शिव पूजन का महत्व

महाशिवरात्रि तिथि- 1 मार्च 2022 को चतुर्दशी तिथि के प्रारंभ: में दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च 2022 चतुर्दशी तिथि समाप्‍ती के समय : दोपहर 1 बजे  तक होगी,  12 मार्च 2021 को शिवरात्रि के पारण का समय: प्रातः 6 बजकर 45 मिनट से शुरू  होगा। 

Magh Purnima 2022: कब है माघ पूर्णिमा और क्या है शुभ तिथि और पूजन विधि
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Magh Purnima 2022: कब है माघ पूर्णिमा और क्या है शुभ तिथि और पूजन विधि

हमारे हिन्दू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, जो व्यक्ति संगम नदी के तट पर रहकर व्रत का अनुष्ठान करते हैं और स्नान करते है, इस दिन लोग अपनी कल्पवास की परंपरा को पूरा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं और जो व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान करता है उसको विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो माघ पूर्णिमा में चंद्रमा और मघा नक्षत्र सिंह राशि पर मौजूद होते हैं, मघा नक्षत्र होने कारण ही इस तिथि को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवता गण भी गंगा स्नान करने के लिए प्रयाग आते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी के दिन मांगलिक कार्यों को करना होता है शुभ, विवाह आदि के लिए होता है शुभ मुहूर्त
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Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी के दिन मांगलिक कार्यों को करना होता है शुभ, विवाह आदि के लिए होता है शुभ मुहूर्त

दोस्तों बसंत पंचमी का त्योहार हमारे हिन्दू धर्म में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है, इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से हमें विद्या रूपी आशीर्वाद मिलता है। उत्तर भारत के साथ-साथ देश के सभी हिस्सों में इस दिन माता सरस्वती जी की पूजा की जाती है, बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने के पाँचवे दिन यानि पंचमी तिथि को मनाया जाता है। 

Masik Shivratri 2022: क्या होती मासिक शिवरात्रि पूजा विधि और क्या है इस मासिक शिवरात्रि की कथा
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Masik Shivratri 2022: क्या होती मासिक शिवरात्रि पूजा विधि और क्या है इस मासिक शिवरात्रि की कथा

महाशिवरात्रि के दिन भी भोलेनाथ का प्रमुख उत्सव होता है, इस दौरान भी भोलेनाथ के मंदिरों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगती हैं, मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जनवरी 2022 में यह व्रत 30 जनवरी यानि रविवार के दिन होने वाला है। आज हम आपको मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि और कथा के बारे में बताने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

Sakat Chauth 2022: सकट चौथ के दिन भूलकर भी ना करे ये चार गलतियाँ
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Sakat Chauth 2022: सकट चौथ के दिन भूलकर भी ना करे ये चार गलतियाँ

सकट चतुर्थी के दिन महिलायें व्रत का अनुष्ठान करती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन करके फिर अर्ध्य देते हैं और अपने व्रत का समापन करती है। ऐसी मान्यता है इस व्रत का अनुष्ठान करने से संतान के ऊपर आने वाले सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। सकट चौथ का व्रत बड़ी सावधानी के साथ मनाना चाहिये, इस दौरान महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान देना चाहिये, आज हम आपको उन्ही बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

इन संदेशों के माध्यम से दीजिए अपने प्रिय लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनायें
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इन संदेशों के माध्यम से दीजिए अपने प्रिय लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनायें

मकर संक्रांति का त्योहार अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, उत्तर प्रदेश में इस दिन खिचड़ी का त्योहार मनाया जाता है तो तमिलनाडु में इसी दिन पोंगल का त्योहार होता है। मकर संक्रांति के दिन असम में बिहू तो महाराष्ट्र में गुड़ी पर्व के नाम से जाना जाता है, वहीं बंगाल में इस दिन गंगा स्नान किया जाता है और पंजाब में लोहड़ी तो गुजरात में पतंग महोत्सव के रूप में इस त्योहार को मनाया जाता है। 

Paush Month 2021: आज से पौष माह की हो रही है शुरुआत, जानते हैं क्या इसका महत्व और इस दौरान पड़ने वाले प्रमुख त्योहार
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Paush Month 2021: आज से पौष माह की हो रही है शुरुआत, जानते हैं क्या इसका महत्व और इस दौरान पड़ने वाले प्रमुख त्योहार

हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष का महिना बहुत शुभ महिना माना जाता है, इस दौरान स्नान, दान और पूजा करने से कई सारे फलों की प्राप्ति होती है, पौष के महीने भगवान सूर्यदेव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, सूर्य देव की पूजा तो हमें हर महीने करनी चाहिये लेकिन यदि आप पौष के महीने में सूर्यदेव की पूजा करते हैं तो इससे आप पर सूर्यदेव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति करते हैं।

Ekadashi Vrat In 2022: जाने साल 2022 में कब-कब होने वाली है एकादशी और क्या है इसका महत्व
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Ekadashi Vrat In 2022: जाने साल 2022 में कब-कब होने वाली है एकादशी और क्या है इसका महत्व

एकादशी का व्रत हिन्दुओ के लिए बेहद महत्वपूर्ण व्रत होता है लोगों की ऐसा मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पितरों को स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है। एकादशी के दिन इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को धान, मसाले और सब्जियां आदि का सेवन वर्जित माना जाता है। एकादशी व्रत की शुरुआत एक दिन पूर्व यानि दशमी की तिथि से शुरू हो जाती यही इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान आदि करते हैं और फिर नमक के बिना बना हुआ भोजन ग्रहण करते हैं। एकादशी का व्रत बड़े नियम और संयम के साथ रखने की जरूरत होती है इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को एकादशी के पहले की तिथि यानि दशमी के सूर्यास्त से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक व्रत रखन पड़ता है।

Pradosh Vrat In 2022: साल 2022 में कब-कब होने वाले हैं प्रदोष व्रत
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Pradosh Vrat In 2022: साल 2022 में कब-कब होने वाले हैं प्रदोष व्रत

मारे हिन्दू धर्म में कई सारे त्योहार और व्रत साल भर चलते रहते हैं, हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दोनों पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत को मनाने की परंपरा है। प्रदोष भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है, इस दिन हमलोग भोलेनाथ की बड़ी धूम-धाम से पूजा करते हैं और व्रत का अनुष्ठान भी करते हैं। जो व्यक्ति इस दिन व्रत का अनुष्ठान करता है उसके परिवार में हमेशा खुशहाली बनी रहती है और घर में समृद्धि आती है, जब प्रदोष व्रत का त्योहार मंगलवार के दिन पड़ता है तब हमलोग उसे भौम प्रदोष के नाम से जानते हैं, वहीं जब प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है तो उसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है,जब प्रदोष व्रत शनिवार के दिन आता है तो उसे हम शनि प्रदोष के नाम से जानते हैं।

Vrat ke niyam: व्रत रखते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान
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Vrat ke niyam: व्रत रखते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान

हमलोग अपने इष्ट देव या फिर देवी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं कोई देवी और देवता की पूजा करता है तो कोई उनकी आरती गाता है, बहुत सारे लोग भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं ताकि भगवान उन पर जल्दी प्रसन्न हो सके और उनकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करें। 

Narak Chaturdashi 2022: कब है नरक चतुर्दशी का त्योहार और क्या इसका महत्व
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Narak Chaturdashi 2022: कब है नरक चतुर्दशी का त्योहार और क्या इसका महत्व

बड़ी दिवाली की तरह छोटी दिवाली का भी महत्व होता है इस बार छोटी दिवाली 24 अक्टूबर के दिन बुधवार को पड़ने वाली है, छोटी दिवाली को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण में अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ राक्षस नरकासुर का वध किया था जिसके कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।

Govardhan Puja 2022: कब है गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त एवं क्या है इसका महत्व
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Govardhan Puja 2022: कब है गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त एवं क्या है इसका महत्व

गोवर्धन पूजा का त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है, इस त्योहार को अन्नकूट के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है, यह त्योहार सम्पूर्ण देश के साथ दुनिया भर में रहने वाले हिन्दु धर्म को पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और उन्हे अर्पित किया जाता है। इस दिन भागवत पुराण में उस घटना एक बारे में जिक्र मिलता है जब भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी उँगली पर उठा लिया था।

Bhaiya dooj 2022: कब है भैया दूज का त्योहार, क्या है इसका महत्व
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Bhaiya dooj 2022: कब है भैया दूज का त्योहार, क्या है इसका महत्व

भैया दूज का त्योहार हमारे हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद यानि गोवर्धन पूजा के अगले दिन मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जिसको हमलोग यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं। भैया दूज के दिन बहने अपने भाइयों को टीका लगाती हैं और उनकी समृद्धि, स्वास्थ्य एवं सम्पन्नता की प्रार्थना करती है। इस त्योहार में बहने अपने भाइयों को अपने घर में बुलाकर उनका सम्मान करती हैं, इस त्योहार को भाई और बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 

Ganesh Chaturthi 2022: कब है गणेश चतुर्थी का त्योहार और कब है शुभ मुहूर्त
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Ganesh Chaturthi 2022: कब है गणेश चतुर्थी का त्योहार और कब है शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलने वाला बड़ा महोत्सव होता है, इस साल 2022 में गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त 2022 को यानि बुधवार के दिन होने वाला है, ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति को अपने घर लाने से सारे विघ्न दूर हो जाते हैं क्योंकि गणेश जी को विघनहर्ता के के रूप से जाना जाता है। 

Krishna Janamstmi 2022: कब है कृष्ण जन्माष्टमी और कब है शुभ मुहूर्त
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Krishna Janamstmi 2022: कब है कृष्ण जन्माष्टमी और कब है शुभ मुहूर्त

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त 2022 को गुरुवार के दिन होने वाला है, कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को रात के 12 बजे के बाद श्री कृष्ण के जन्म के बाद समापन किया जाता है, रात में 12 बजे श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और मंगल भजन और आरती गायी जाती है। 

Guru Purnima 2022: कब है गुरु पूर्णिमा का पवित्र त्योहार और क्या है इसका महत्व
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Guru Purnima 2022: कब है गुरु पूर्णिमा का पवित्र त्योहार और क्या है इसका महत्व

हिन्दू धर्म के अनुसार इसी दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म हुआ था, वेद व्यास जी संस्कृत के महान ज्ञाता थे जिन्होंने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी। महाभारत के अठारहवें अध्याय में में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का अनमोल उपदेश दिया था, जिसको आज भी लोग अपने जीवन में पालन करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यासजी हैं, वेदों को अलग करने का श्रेय भी इनको दिया जाता है जिसके कारण ही इनको हमलोग वेद व्यास के नाम से जानते हैं, गुरु पूर्णिमा को हमलोग व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। 

Buddha Purnima 2022: कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व
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Buddha Purnima 2022: कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व

गौतम बुद्ध को सारी दुनिया जानती हैं क्योंकि महात्मा बुद्ध ने अपने राजसी जीवन का त्याग करके सत्य की खोज में सालों तक जंगलों में भटकते रहे और कठोर तपस्या के बाद उनको बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। गौतम बुद्ध ने अपने ज्ञान से पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया जिसको आगे चलकर कई सारे राजाओ ने पालन किया और बुद्ध धर्म को अपना लिया, इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार 6 मई 2022 को मनाया जाने वाला है। 

Rama Navami 2022: कब है रामनवमी का त्योहार, क्या है पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
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Rama Navami 2022: कब है रामनवमी का त्योहार, क्या है पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

राम नवमी को हम लोग श्री राम जी के जन्म के रूप में मानते हैं, यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, लंका नरेश रावण का वध करने के लिए इसी दिन भगवान श्री राम जी ने अयोध्या में जन्म लिया था। साल 2022 में राम नवमी का त्योहार 10 अप्रैल 2022 को रविवार के दिन मनाया जाने वाला है। 

Baishakhi 2022: कब है बैसाखी का त्योहार
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Baishakhi 2022: कब है बैसाखी का त्योहार

बैसाखी का त्योहार मूल रूप से फसल कटाई के शुरुआत के रूप में जाना जाता है और इसी दिन से सिख धर्म के लोगों के लिए नए वर्ष की शुरुआत भी हो जाती है, बैसाखी के दिन उत्तर भारत की पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है, इस वर्ष बैसाखी का त्योहार 14 अप्रैल 2022 को गुरुवार के दिन मनाया जाने वाला है।