बारिश के मौसम में मच्छर द्वारा फैलती हैं ये पाँच बड़ी बीमारियां, जरा सी लापरवाही पड़ सकती है सेहत के लिए भारी-
दोस्तों इस समय बारिश का मौसम चल रहा है और इस मौसम में खुद को बीमारियों से बचाना सबसे बड़ी चुनौती भरा काम होता है, बारिश के मौसम में तरह-तरह की बीमारियाँ होने लगती हैं यदि हम इस दौरान जरा सी भी लापरवाही दिखाते हैं तो यह हमारे लिए मुश्किल का कारण बन जाते हैं। बारिश के मौसम में मच्छरों से खुद को बचाना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि मच्छर यदि हमें काट लेते हैं तो यह हमारी जान के लिए भी खतरा बन सकता है, इसलिए इस मौसम में हमें जरा भी लापरवाही नहीं दिखानी चाहिये।
मच्छर का काटने के बाद उसके बाद जो खुजली होती होना एक आम समस्या होता है लेकिन इसको इग्नोर करना बड़ी समस्या का कारण बन सकता है और आपको बीमारी बना सकता है। आज हम आपको बारिश के मौसम के दौरान मच्छरों द्वारा होने वाली 5 बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे जानकर आपको और भी सावधान रहने की जरूरत होती है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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1.मलेरिया-
बारिश के मौसम में होने वाली मलेरिया बीमारी सबसे बड़ी बीमारी होती है, यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है तो उसको बड़ी परेशानी से गुजरना पड़ता है यदि समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो जान भी जा सकती है। हर साल करीब 4 लाख लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान से हाथ धो देते हैं, जब कोई संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उस व्यक्ति को मलेरिया होने की संभावना अधिक होती है, मलेरिया के प्रमुख लक्षणों के बारे में बात करे तो शरीर में दर्द होना और ठंड का लगना आदि लक्षण होते हैं। आप के अंदर यदि कोई भी मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत ही आपको इसकी जांच करवानी चाहिये और समय रहते इलाज भी शुरू कर देना चाहिये, आप मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2.डेंगू बुखार-
डेंगू बुखार भी बेहद जानलेवा बीमारी होती है, अभी तक इस बीमारी का कोई भी मजबूत इलाज मौजूद नहीं है जिसके चलते सालाना लाखों लोग अपनी जान डेंगू के चलते गवां देते हैं। बीते कुछ वर्षों में डेंगू बुखार के केसों में कुछ गिरावट देखने को मिली है लेकिन अभी तक इस पर पूरी तरह से विजय नहीं मिली है, डेंगू का संक्रमण फैलाने वाला मच्छर भी अलग होता है और इसके लक्षण भी घंटों में दिखाई देते हैं यदि आपको कोई भी डेंगू से जुड़ा हुआ लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत इसकी जांच करवानी चाहिये और समय रहते इसका इलाज शुरू कर देना चाहिये ताकि आप भी इस बीमारी का शिकार होने बच सकें।
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3.चिकनगुनिया-
बरसात के मौसम में चिकनगुनिया की बीमारी बड़े व्यापक स्तर पर फैलना शुरू हो जाती है, हमारे देश में हर साल करीब 1 लाख लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। चिकनगुनिया बुखार के प्रमुख लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, जी मिचलाना और जोड़ों में दर्द आदि होते हैं, इस बुखार को फैलाने वाला मच्छर 29 डिग्री के तापमान से ऊपर पैदा होता है जो मानसून की शुरुआत में लोगों को बीमार करना शुरू कर देता है। आपको यदि चिकनगुनिया से जुड़ा हुआ कोई लक्षण दिखाई देता है तो आपको सावधान रहने की जरूरत होती है और इसका इलाज करवाने की जरूरत होती है।
4.इंसेफेलाइटिस-
इस बीमारी के फैलने के पीछे का कारण भी मच्छर होते हैं, इस बीमारी हो बेहद खतरनाक बीमारी माना जाता है क्योंकि जिसे भी यह हो जाती है उसकी रीढ़ की हड्डियों के बगल में सूजन आने लगती है और यह धीरे-धीरे दिमाग तक पहुँच जाती है। इंसेफेलाइटिस का समय रहते यदि इलाज नहीं शुरू किया जाता है तो यह हमारे पूरे शरीर में फैल जाती है और इससे हमारी जान भी जा सकती है, हमारे देश में इस बीमारी के केसों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है जो एक चिंता का विषय बनता चला जा रहा है जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन्हे इंसेफेलाइटिस बीमारी होने का खतरा अधिक होता है, इस बीमारी के लक्षण बुखार, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और दौरे आदि होते हैं, यदि आपको भी इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिये।
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5.पीला बुखार-
पीला बुखार भी मच्छर के संक्रमण से होने वाला रोग है, यह बुखार फ्लेविवायरस के कारण होता है। इस वायरस से संक्रमित मच्छर यदि किसी व्यक्ति को काट लेता है तो वो इस बुखार का शिकार हो जाता है। येलो फीवर वैसे तो कैरिबियन, अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्रो अधिक होता है, हम लोग जब तक यहाँ की यात्रा नहीं करते हैं तक हमें इस बुखार में आने की कम संभावना होती है। हमारे देश में पीले बुखार के कम रोगी देखने को मिलते हैं लेकिन यदि आपको इस बुखार से जुड़ा हुआ कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत आपको टीके जरूर लगवाने चाहिये और यदि आप संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा कर रहे है तो बेहतर होगा की आप यात्रा से पहले से इस बीमारी का टीका लगवाकर ही यात्रा करें।