कविता-कहानी न्यूज़

सारे दोस्त एक जैसे नहीं होते
कविता-कहानी

सारे दोस्त एक जैसे नहीं होते

Saare Dost Ek Jaise Nahin Hote, Kuchh Hamare Hokar Bhi Hamare Nahin Hote, सारे दोस्त एक जैसे नहीं होते, कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,  

उनकी गलियों की हवा हर दर्द की दवा बन गयी
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उनकी गलियों की हवा हर दर्द की दवा बन गयी

Unki Galiyon Ki Hawa Har Dard Ki Dava Ban Gayi, Doori Unse Meri Chaahat Ki Saza Ban Gayi, उनकी गलियों की हवा हर दर्द की दवा बन गयी, दूरी उनसे मेरी चाहत की सज़ा बन गयी,  

तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा
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तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा

Tujhse Doori Ka Ehsaas Satane Laga, Tere Sath Gujra Har Pal Yaad Aane Laga, तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा, तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा,  

बिन बताये उसने न जाने क्यों ये दूरी कर दी
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बिन बताये उसने न जाने क्यों ये दूरी कर दी

Bin Bataye Usne Na Jane Kyu Ye Doori Kar Di, Bichhad Ke Usne Mohabbat Hi Adhuri Kar Di, बिन बताये उसने न जाने क्यों ये दूरी कर दी, बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,

इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता
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इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता

Is Kadar Dil Ko Dukhana Achha Nahi Hota, Har Kisi Se Yun Dil Ko Lagana Achha Nahi Hota, इस कदर दिल को दुखाना अच्छा नहीं होता, हर किसी से यूँ दिल को लगाना अच्छा नहीं होता,  

सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती
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सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती

Sirf Nazdeekiyon Se Mohabbat Hua Nahi Karti, Fasle Jo Dilon Mein Ho To Fir Chahat Hua Nahi Karti, सिर्फ नज़दीकियों से मोहब्बत हुआ नहीं करती, फैसले जो दिलों में हो तो फिर चहत हुआ नहीं करती,

एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे
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एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे

Ek Sil-sile Kee Ummeed Thee Jinse, Vahee Faasale Banaate Gaye. एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे, वही फ़ासले बनाते गये।  

दिल की नाज़ुक धड़कनो को
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दिल की नाज़ुक धड़कनो को

Dil Ki Nazuk Dhadkano Ko.. Mere Sanam Tumne Dhadkana Sikha Diya दिल की नाज़ुक धड़कनो को... मेरे सनम तुमने धड़कना सिखा दिया  

ए दिले नादान तुझे हुआ क्या है
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ए दिले नादान तुझे हुआ क्या है

Ai Dile Naadaan Tujhe Hua Kya Hai, Aakhir Is Dard Ki Dava Kya Hai, ए दिले नादान तुझे हुआ क्या है, आखिर इस दर्द की दवा क्या है,  

तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे
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तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे

Tu Hi Bata Ai Dil Ki Tujhe Samjhaun Kaise, Jise Chahta Hai Tu Use Nazdeek Laun Kaise, तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे, जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,  

लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं
कविता-कहानी

लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं

Lage Hain Ilzaam Dil Pe Jo Mujhko Rulate Hain, Kisi Ki Berukhi Aur Kisi Aur Ko Satate Hain, लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं, किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,    

ज़िन्दगी से क्यों रूठ गए हो तुम
कविता-कहानी

ज़िन्दगी से क्यों रूठ गए हो तुम

Zindagi Se Kyon Rooth Gaye Ho Tum, Itne Mayus Kyon Ho Gaye Ho Tum, ज़िन्दगी से क्यों रूठ गए हो तुम, इतने मायूस क्यों हो गए हो तुम,  

चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं
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चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं

Chahat Ki Raah Mein Bikhre Aarmaan Bahut Hain, Hum Uski Yaad Mein Pareshan Bahut Hain, चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं, हम उसकी याद में परेशां बहुत हैं,  

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए
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वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए

Wo Roye To Bahut Par Mujhse Muh Mod Kar Roye, Koi Majboori Hogi Jo Dil Tod Kar Roye, वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए, कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़ कर रोए,

गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती
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गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती

Gahrayi Pyar Mein Ho To Bewafai Nahin Hoti, Sachche Pyar Mein Kahin Tanhayi Nahin Hoti, गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती, सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती,

आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं
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आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं

Aaj Hum Unhe Bewafa Batakar Aaye Hain, Unke Khaton Ko Paani Mein Bahakar Aaye Hain, आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं, उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,

काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते
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काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते

Kaash Ki Ham Unke Dil Pe Raaz Karte, Jo Kal Tha Wahi Pyar Aaj Karte, काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते, जो कल था वही प्यार आज करते,    

कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो
कविता-कहानी

कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो

Kahan Se Laaun Wo Shabd Jo Teri Tareef Ke Qabil Ho, Kahan Se Laaun Wo Chand Jisme Teri Khoobasurti Shamil Ho, कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो, कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,  

ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना
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ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना

Ai Dost Kabhi Zikr-E-Judai Na Karna, Mere Bharose Ko Rusva Na Karna, ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना,  

उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद
कविता-कहानी

उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद

Unhen Ehsaas Hua Hai Ishq Ka Hame Rulane Ke Baad, Ab Ham Par Pyar Aaya Hai Door Chale Jaane Ke Baad, उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद, अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,