धर्म और भाग्य न्यूज़

आरती माता सरस्वती जी की
धर्म और भाग्य

आरती माता सरस्वती जी की

 जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी। सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..

आरती युगल किशोर जी की
धर्म और भाग्य

आरती युगल किशोर जी की

आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्योछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भरि पीजै॥

आरती श्री बाल कृष्ण जी की
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आरती श्री बाल कृष्ण जी की

आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ श्री यशोदा का परम दुलारा, बाबा के अँखियन का तारा । गोपियन के प्राणन से प्यारा, इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ ॥आरती बाल कृष्ण की कीजै...॥

आरती श्री बद्रीनाथ जी की
धर्म और भाग्य

आरती श्री बद्रीनाथ जी की

पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम् । निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥

आरती संकटा माता की
धर्म और भाग्य

आरती संकटा माता की

जय जय संकटा भवानी, करहूं आरती तेरी । शरण पड़ी हूँ तेरी माता, अरज सुनहूं अब मेरी ॥ ॥ जय जय संकटा भवानी..॥

आरती अहोई माता की
धर्म और भाग्य

आरती अहोई माता की

जय अहोई माता, जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता ॥ ॥ जय अहोई माता..॥

आरती गौमाता जी की
धर्म और भाग्य

आरती गौमाता जी की

आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

आरती श्री कुबेर जी की
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आरती श्री कुबेर जी की

जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी, हे समरथ परिपूरन । हे समरथ परिपूरन । हे अन्तर्यामी ॥ ॐ जय कुबेर स्वामी प्रभु जय कुबेर स्वामी..

आरती बाबा बालकनाथ जी की
धर्म और भाग्य

आरती बाबा बालकनाथ जी की

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया, दस जनों की नैया, भव से पार करे, ॐ जय कलाधारी हरे ॥

पंच परमेष्ठी आरती 
धर्म और भाग्य

पंच परमेष्ठी आरती 

इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे । इह विधि मंगल आरति कीजे, पंच परमपद भज सुख लीजे ॥

आरती श्री भगवद्‍ गीता
धर्म और भाग्य

आरती श्री भगवद्‍ गीता

जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥

आरती माता अनपूर्णा जी
धर्म और भाग्य

आरती माता अनपूर्णा जी

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥

आरती श्री चित्रगुप्त जी की
धर्म और भाग्य

आरती श्री चित्रगुप्त जी की

श्री विरंचि कुलभूषण, यमपुर के धामी । पुण्य पाप के लेखक, चित्रगुप्त स्वामी ॥

आरती धर्म राज जी की
धर्म और भाग्य

आरती धर्म राज जी की

ॐ जय जय धर्म धुरन्धर, जय लोकत्राता । धर्मराज प्रभु तुम ही, हो हरिहर धाता ॥

आरती श्रीदेवी जी की
धर्म और भाग्य

आरती श्रीदेवी जी की

जगजननी जय! जय!! (मा! जगजननी जय! जय!!) । भयहारिणि, भवतारिणि, भवभामिनि जय! जय ॥ ॥ जगजननी जय जय..॥

आरती ललिता माता की
धर्म और भाग्य

आरती ललिता माता की

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी । राजेश्वरी जय नमो नमः ॥ करुणामयी सकल अघ हारिणी । अमृत वर्षिणी नमो नमः ॥.

आरती श्री शनिदेव जी की
धर्म और भाग्य

आरती श्री शनिदेव जी की

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

आरती गायत्री माता जी की
धर्म और भाग्य

आरती गायत्री माता जी की

जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

श्री विश्वकर्मा जी की आरती
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श्री विश्वकर्मा जी की आरती

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥

आरती गौरीनंदन जी की
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आरती गौरीनंदन जी की

ओम जय गौरी नन्दन, प्रभु जय गौरी नंदन गणपति विघ्न निकंदन, मंगल नि:स्पन्दन ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन