रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल हम अब पा रहे है, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है ॥
रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल हम अब पा रहे है, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये सृष्टि चला रहे है ॥
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है । हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है ॥
हमारे लिए क्यों देर किए हो, हमारे लिए क्यों देर किए हो, गणिका अजामिल को पल में उबारे, गणिका अजामिल को पल में उबारे, अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु, करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु । सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु, करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
कोई लाख करे चतुरायी, करम का लेख मिटे ना रे भाई, करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥ जरा समझो इसकी सच्चाई रे, करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥
मंदिर-मंदिर जाकर प्राणी, ढूंढ रहा भगवान, कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान, कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान ॥
सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी, ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी, ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी ॥
माँमैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की । मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की । जय जय संतोषी माता जय जय ॥ जय जय संतोषी माता जय जय माँ
वर दे, वीणावादिनि वर दे । प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव भारत में भर दे । वीणावादिनि वर दे ॥
मै हूँ बेटी तू है माता, ये है जनम-जनम का नाता । मै हूँ बेटी तू है माता, ये है जनम-जनम का नाता । माता रानियें तुझे मैं बुलाने आई हूँ, मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।
दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ, मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु, मुझसे हो न जुदा मेरा भगवान माँ, मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु ॥
भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए ओ मैया तेरे दरबार, में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा कभी न फिर जाऊँगा भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए ओ मैया तेरे दरबार,
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ॥ देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय,
मैं बालक तू माता शेरां वालिए, है अटूट यह नाता शेरां वालिए । शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ, मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥ ॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता। मेरी बिगड़ी माँ ने बनायीं, सोयी तकदीर जगायी । ये बात ना सुनी सुनाई, मैं खुद बीती बतलाता रे । इतना दिया मेरी माता, ॥ मेरी झोली छोटी पड़...॥
ये है दर्शनी डयोढ़ी, दर्शन पहला है ये करो यात्रा शुरू तो, जय माता दी कह यहाँ तलक तो लायी बेटी, आगे भी ले जाओ ना ॥ मैं परदेशी हूँ...॥
लाल चुनड माँ की चम चम चमकै, माथे कि बिंदिया भी दम दम दमकै, हाथो मे झलके कंगणिया, माँ की भिगी चुनरिया ॥ ॥ सावन की बरसे बदरिया...॥
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का, रास्ता देख रही है माता, अपने आंख के तारों का । मस्त हवाओं का एक झोखा, यह संदेशा लाया है ।
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे, हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ । हे दरबारा वाली आरती जय माँ । ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ ॥
दिया थाली बिच जलता है, ऊपर माँ का भवन बना, नीचे गंगा जल बहता है ॥ दिया थाली बिच जलता है । ऊपर माँ का भवन बना, नीचे गंगा जल बहता है ॥