रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो
रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो मेरे कोटि प्रणाम, आस लगी तोरी किरपा निधान, दया करो प्रभु दया निधान । जय बजरंग बली हनुमान, दया करो प्रभु दया निधान ।
रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो मेरे कोटि प्रणाम, आस लगी तोरी किरपा निधान, दया करो प्रभु दया निधान । जय बजरंग बली हनुमान, दया करो प्रभु दया निधान ।
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं । जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥
वीर हनुमाना अति बलवाना, राम नाम रसियो रे, प्रभु मन बसियो रे । वीर हनुमाना अति बलवाना, राम नाम रसियो रे, प्रभु मन बसियो रे ।
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार । पवनसुत विनती बारम्बार ॥
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना कहते लोग इसे राम का दिवाना छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे, लताओं में बृज की गुजारा करेंगे। कहीं तो मिलेंगे वो बांके बिहारी, कहीं तो मिलेंगे वो बांके बिहारी, उन्ही के चरण चित लगाया करेंगे कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे, लताओं में बृज की गुजारा करेंगे।
लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा। तुम्हें अपने बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा॥
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम। अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम॥
लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल । छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,
हरि नाम के रस को पी पीकर, आनंद में जीना सीख लिया, हरी नाम के रस को पी पीकर, आनंद में जीना सीख लिया, आनंद में जीना सीख लिया, आनंद में जीना सीख लिया, प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में, जाकर के पीना सीख लिया, हरी नाम के रस को पी पीकर, आनंद में जीना सीख लिया ॥
पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द और सुनी मुनि जन, पढ़त वेद शास्त्र अंग मारी जनम गोकुल मे घटे मिटत सब दुःख दुःख आज को आनंद आनंद आनंद आज ही आनंद आनंद आनंद
मुरली बजा के मोहना, क्यों कर लिया किनारा। अपनों से हाय कैसा, व्यवहार है तुम्हारा॥ ढूंढा गली गली में, खोजा डगर डगर में। मन में यही लगन है, दर्शन मिले दुबारा॥ ॥ मुरली बजा के मोहना...॥
मोहनी मुरति साँवरी सूरति, आइ बसौ इन नैनन में । अति सुन्दर रूप अनूप लिये, नित खेलत खात फिरौ वन में ॥ निशि वासर पान करूँ उसका, रसधार जो बाँसुरी की धुन में । बैकुन्ठ से धाम की चाह नहीं, बस बास करूँ वृन्दावन में ॥
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे, तो संसार सागर तरते रहोगे । भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे, तो संसार सागर तरते रहोगे ।
राधा कौन से पुण्य किये तूने, जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥ राधा जब सोलह शृंगार करे, प्रभ दर्पण आप दिखाते है, राधा कौन से पुण्य किये तूने, जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
गोकुल में छुप छुप के माखन चुरायो, ग्वाल वाल संग मिल बाँट के खायो । दर्शन की प्यासी ये राधा वेचारी, मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
यशोमती नन्दन बृजबर नागर, गोकुल रंजन कान्हा, गोपी परण धन मदन मनोहर, कालिया दमन विधान । यशोमति नन्दन बृजबर नागर, गोकुल रंजन कान्हा ॥
सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल, सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया, और घुँघराले बाल, सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले । मेरी स्वास-स्वास में तेरा, है नाम मुरली वाले ॥