धर्म और भाग्य न्यूज़

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा
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आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा । दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥ शेरांवाली, जोतांवाली, मेहरांवाली माँ । आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ॥ प्रेम से बोलो, जय माता दी ।

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए
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बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए

मैया जी के चरणों मे ठिकाना चाहिए। बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती
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मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती, होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती, रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती, आरती ओ मैया आरती, ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ
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हे ज्योति रूप ज्वाला माँ

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ, तेरी ज्योति सबसे न्यारी है । हर एक जन इसका परवाना, हर एक जान इसका पुजारी है ॥ जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली

जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया
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जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया

माँ की शक्ति को जो भी, प्रणाम करते, माँ की भक्ति में मन को, जो भी रंगते । माँ की किरपा से तन मन प्रसन्न हो गया, उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥ जिनका मैया जी के चरणों से संबंध हो गया । उनके घर में आनंद ही आनंद हो गया ॥

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे
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द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-मैया मैया द्वारे तेरे कन्या पुकारे कन्या को योग्य वर देव मेरी जगदम्बे मैया द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-मैया

सच्चा है माँ का दरबार, मैय्या का जवाब नहीं
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सच्चा है माँ का दरबार, मैय्या का जवाब नहीं

दरबार हजारो देखे है, पर माँ के दर सा कोई, दरबार नहीं, जिस गुलशन मे, माँ का नूर ना हो, ऐसा तो कोई गुलज़ार नहीं, दुनिया से भला मै क्या माँगु, दुनिया तो एक भीखारन है, माँगता हूँ अपनी माता से, जहाँ होता कभी इनकार नहीं ॥

नौ दिन का त्यौहार है आया
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नौ दिन का त्यौहार है आया

नौ दिन का त्यौहार है आया, ध्यान करो माँ नवदुर्गा का, जिसने जगत बनाया, नौं दिन का त्यौहार है आया, नौं दिन का त्यौहार ॥

सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो
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सर को झुकालो, शेरावाली को मानलो

शेरावाली को मानलो, चलो दर्शन पालो चल के । करती मेहरबानीयाँ, करती मेहरबानियां ॥ गुफा के अन्दर, मन्दिर के अन्दर, माँ की ज्योतां है नुरानियाँ ॥

माँ! मुझे तेरी जरूरत है
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माँ! मुझे तेरी जरूरत है

माँ ! मुझे तेरी जरूरत है । कब डालोगी, मेरे घर फेरा तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा, माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।

मेरी आखिओं के सामने ही रहना
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मेरी आखिओं के सामने ही रहना

मेरी आखिओं के सामने ही रहना, माँ शेरों वाली जगदम्बे । हम तो चाकर मैया, तेरे दरबार के, भूखे हैं हम तो मैया, बस तेरे प्यार के॥

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं
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करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं, स्वीकार करो माँ, मझधार में, मैं अटकी, बेडा पार करो माँ, बेडा पार करो माँ, हे माँ संतोषी, माँ संतोषी ॥

नामवली: रामायण मनका 108
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नामवली: रामायण मनका 108

रघुपति राघव राजाराम । पतितपावन सीताराम ॥ जय रघुनन्दन जय घनश्याम । पतितपावन सीताराम ॥

जय जय सुरनायक जन सुखदायक
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जय जय सुरनायक जन सुखदायक

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता । गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई । जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई ॥

मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है
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मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है

मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है । तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है । तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है ।

नमामि-नमामि अवध के दुलारे
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नमामि-नमामि अवध के दुलारे

नमामि-नमामि अवध के दुलारे । खड़ा हाथ बांधे मैं दर पर तुम्हारे ॥ न करता हूं भक्ति न जप योग साधन । कैसे कटेंगे यह माया के बंधन ॥ दुःखी दीन हो के यह मनवा पुकारे ॥ नमामि-नमामि अवध के दुलारे ।

आ लौट के आजा हनुमान
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आ लौट के आजा हनुमान

आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं । जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं ॥

वीर हनुमाना अति बलवाना
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वीर हनुमाना अति बलवाना

वीर हनुमाना अति बलवाना, राम नाम रसियो रे, प्रभु मन बसियो रे । वीर हनुमाना अति बलवाना, राम नाम रसियो रे, प्रभु मन बसियो रे ।

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे
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हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे । अब तो जीवन हारे प्रभु शरण है तिहारे... हे गोविंद ॥ नीर पीवण हेतु गयो सिन्धू के किनारे सिन्धू के बीच बसत ग्राह चरण ले पधारे हे गोविन्द हे गोपाल...

भजमन राम चरण सुखदाई
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भजमन राम चरण सुखदाई

भजमन राम चरण सुखदाई, भजमन राम चरण सुखदाई ॥ जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई । जटासंकरी नाम परयो है त्रिभुवन तारन आई ॥