रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती
आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत चित आनन्द शिव सुन्दर की॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ ॥ जय सरस्वती माता...॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता । अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥
ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा । संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा ॥ ॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा । अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन, करें तुम्हारी सेवा । जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा ॥
॥दोहा॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए हम कई तरह के अनुस्थान करते हैं, कोई राधारानी की पूजा करता है तो कोई आरती करता है तो कोई राधा रानी की चालीसा का पाठ करता है। राधा रानी की चालीसा का पाठ करने से सुख- शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माता राधा जी की चालीसा का पाठ करने से हमारे घर में प्रेम का वातावरण बना रहता है और हमें भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होने लगती है। यदि आप भी चाहते हैं कि आप पर माता राधा रानी और श्री कृष्ण की कृपा बनी रहे तो आपको राधा रानी की चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिये इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा और आपके सारे कष्ट दूर हो जायेंगे।
शुक्रवार के दिन माता संतोषी देवी की चालीसा का पाठ करने से हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आने लगती है, और में सारे कष्टों से छुटकारा मिलने लगता है। जिस किसी पर माता संतोषी की कृपा हो जाती है उसके सारे कष्ट दूर होने लगते हैं तथा उसको धन की कमी भी नहीं होती है, इसलिए यदि आप भी चाहते हैं कि आप पर माता संतोषी देवी की कृपा बनी रहे तो आपको भी गुरुवार के दिन माता संतोषी देवी की चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिये।
भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करने के लिए लोग इनकी पूजा तो करते हैं साथ ही भगवान विश्वकर्मा की चालीसा का पाठ भी करते हैं जो लोग विश्वकर्मा चालीसा का पाठ करते हैं उनको काम में सफलता मिलने लगती है और उनके काम धंधे में तरक्की भी होती है तथा कारखानों में लगी मशीनें विश्वकर्मा जी की कृपा से सही ढंग से काम करती रहती हैं यदि आप भी चाहते हैं कि आप भी भगवान विश्व कर्मा जी कृपा आप पर बनी रहे तो आपको विश्वकर्मा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिये।
साई नाथ फकीर थे और भिक्षा मांगते थे और जो भी उनको भीख के रूप में मिलता था उसे वो सारा स्वयं नहीं खाते थे गरीब और पशु-पक्षियों को भी खिला देते थे, साई के अनुसार इन सबका पेट भरना जरूरी होता है। साई नाथ जमीन पर सोना पसंद करते थे और अपने सिर के नीचे ईंट लगाकर सोते थे, साई नाथ की पूजा करने के लिए आपको जरूरी होता है आपका मन सच्चा होना चाहिये।