बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा: भजन
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा, दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी, श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा, दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी, श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥
चलो मन वृन्दावन की ओर, प्रेम का रस जहाँ छलके है, कृष्णा नाम से भोर, चलो मन वृंदावन की ओर ॥
मेरी आखिओं के सामने ही रहना, माँ शेरों वाली जगदम्बे । हम तो चाकर मैया, तेरे दरबार के, भूखे हैं हम तो मैया, बस तेरे प्यार के॥
भगतो को दर्शन दे गयी रे, एक छोटी सी कन्या, छोटी सी कन्या, एक छोटी सी कन्या ॥ ॥ भगतो को दर्शन दे ...॥
सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में । सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में, रूपहरी गोटे में ॥
आपकी जानकारी के लिए बता दें भगवान श्री कृष्ण के शरीर से एक प्रकार की मादक गंध आती रहती थी जिसको छुपाने के लिए श्री कृष्ण हर तरह के प्रयास करते रहते हैं ताकि उनके बारे में किसी को जानकारी ना मिल पाये।
ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥
आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥
हरि ओम श्री शाकुम्भरी अंबा जी की आरती क़ीजो एसी अद्वभुत रूप हृदय धर लीजो शताक्षी दयालू की आरती किजो
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥
पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये । छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये ॥ १॥
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको । महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥ जय देव जय देव..
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी, स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी। घृत दीपक से करू आरती, घृत दीपक से करू आरती। तुम अंतरयामी, ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥ ॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥
जय काली माता, माँ जय महा काली माँ। रतबीजा वध कारिणी माता। सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥